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Saturday, 21 December 2013

20 हजार युवा एचटेट से बाहर

** पहली बार आर्ट एवं संगीत कोर्स को शामिल किया, लेकिन पात्रता बदल दी 
चंडीगढ़ : हरियाणा के करीब 20,000 बेरोजगार युवा सरकारी मनमानी का शिकार हुए हैं। ऐन वक्त पर पात्रता मापदंडों में बदलाव किए जाने से ये युवा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) के लिए आवेदन करने लायक भी नहीं रह गए हैं। इनकी मांग पर सरकार ने इस परीक्षा में आर्ट एवं संगीत कोर्स को शामिल तो कर लिया, लेकिन पात्रता में डिप्लोमा के बजाय स्नातक डिग्री मांग ली। दो साल की कड़ी मेहनत और काफी पैसा खर्च करके डिप्लोमा करने वाले ये युवक अब आंदोलन के मूड में हैं और परीक्षा को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले एचसीएस भर्ती परीक्षा में भी काफी युवक सरकारी मनमानी के शिकार हुए थे। 
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 13 दिसंबर को ही हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा लेवल-1, लेवल-2 और लेवल-3 के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। इसमें पहली बार आर्ट व संगीत का कोर्स पास युवाओं को भी शामिल किया गया है।पहले इसमें दो वर्षीय डिप्लोमाधारकों को ही पात्र माना गया था, लेकिन शिक्षा विभाग ने इस बदलकर अब ड्राइंग अध्यापक के लिए फाइन आर्ट में एम.ए और बी.एड डिग्री मांग ली हैं। 
नियमों को भी नहीं मान रही सरकार: 
इन युवाओं के अनुसार अध्यापक पात्रता शर्तों में 31 अगस्त 2009 को प्रकाशित एनसीटीई रेगुलेशन 2007 का जिक्र किया गया है। उनमें पेज 116 पर साफ तौर पर डिप्लोमा इन आर्ट एजूकेशन के लिए शैक्षणिक योग्यता सीनियर सेकेंडरी अथवा 10 जमा 2 कक्षा को ही आधार माना गया है। 
इन नियमों में यह भी कहा गया है कि यह डिप्लोमा करने वाला प्रारंभिक शिक्षा यानी कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए योग्य होगा। जबकि सरकार ने पात्रता में इस डिप्लोमा के साथ बीए, या बैचलर ऑफ फाइन आर्ट की डिग्री भी मांग ली है। 
कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे: 
दस जमा दो कक्षा के बाद आर्ट एंड क्राफ्ट का दो वर्षीय कोर्स करने वाले प्रदीप, सरोज, सुनीता, मड्डू आदि ने सरकार पर नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) के नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। इनका कहना है कि यदि शिक्षा बोर्ड ने अपनी शर्तों में बदलाव नहीं किया तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
मंत्री ने दिए कोरे आश्वासन
शिक्षक पात्रता परीक्षा में स्नातक डिग्री मांगे जाने का दो वर्षीय कोर्स करने वाले बेरोजगारों का आरोप है कि वे इस संबंध में पिछले दिनों शिक्षामंत्री गीता भुक्कल से भी मिले और प्रदर्शन किया था। भुक्कल ने उनको आश्वासन दिया था कि वे मुख्यमंत्री से बात करके इस मुद्दे पर कैबिनेट में पुरानी शर्तें लागू करवा देंगी। उसके बाद दो बार कैबिनेट मीटिंग हो चुकी हैं, लेकिन उन्हें सरकार ने कोई राहत नहीं दी है।
भिवानी में सम्मेलन आज 
हिसार. आर्ट एंड क्राफ्ट डिप्लोमाधारकों ने संघर्ष के लिए बेरोजगार कला अध्यापक समिति बनाई है। समिति शनिवार को भिवानी में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन कर रही है। समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप रानीला ने बताया कि पहले ड्राइंग अध्यापक के लिए दस जमा दो कक्षा के बाद आर्ट एंड क्राफ्ट विषय में दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स मान्य था, परंतु सरकार ने पिछले दिनों अचानक बी.एफ.ए एवं बी.एड लागू कर दी है। चौ.देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा ने करीब 6 साल पहले आर्ट एंड क्राफ्ट विषय में दो वर्षीय कोर्स शुरू किया था। रोहतक एवं सोनीपत जिलो में अभी भी दर्जनों संस्थान यह कोर्स करवा रहे हैं। करीब 20000 युवाओं के लिए यह डिप्लोमा कोर्स बेकार हो गया है।
अधिकारियों ने पल्ला झाड़ा
इसमें हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है : भारद्वाज 
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन केसी भारद्वाज का कहना है कि पात्रता तय करना या इसमें छूट देना हमारी जिम्मेदारी नहीं है। यह काम सरकार का है। हमें परीक्षा आयोजित करने का काम सौंपा गया है।हम परीक्षा आयोजित कर देंगे।कोशिश करेंगे कि इसमें पूरी तरह पारदर्शिता रखी जाए।
शिक्षा सचिव पार्टी में रात को लौटेंगी 
जब शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन से बात करने की कोशिश की गई तो उनके घर से बताया गया कि वे किसी पार्टी में गई हुई हैं। वे रात 10 बजे बाद ही लौटेंगी।                                    db

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