30 महीने बाद वीके गुप्ता को मिली थी कुर्सी
आईबी कॉलेज से डॉ. एलआर मदान के सेवानिवृत्त होने के बाद 30 नवंबर को 2011 को रेणु शर्मा को कार्यकारी प्रिंसिप नियुक्त किया गया। 24 जुलाई को प्रबंधन ने रेणु शर्मा पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए लेक्चरर वीके गुप्ता को चार्ज दे दिया। 18 अगस्त को कॉलेज की कमेटी के उपप्रधान नवीन गुलाटी ने प्रधान केसी नागपाल की अनुपस्थिति में रेणु शर्मा को दोबारा से चार्ज सौंप दिया। प्रधान केसी नागपाल ने इसे गलत ठहराया। इस बारे में प्रबंधन ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से राय मांगी। इस बीच रेणु शर्मा कोर्ट पहुंचीं। 31 अगस्त को ने उपप्रधान ने डायरेक्टर हायर एजुकेशन के लेटर की घोषणा की और कहा कि केस मान हानि का था, प्रिंसिपल का नहीं। अगस्त 2012 को प्रिंसिपल के रूम पर ताले लगा दिए गए। एक सितंबर को 14 दिन बाद प्रिंसिपल रूम के ताले खुले और रेणु फिर से प्रिंसिपल बनीं।
13 अगस्त 1981 को किया था ज्वाइन -वीके गुप्ता
मैंने 13 अगस्त 1981 को बतौर मेथ लेक्चरर ज्वाइन किया था। सीनियॉरिटी के आधार पर मेरा कार्यकारी प्रिंसिपल के पद पर हक बनता है। डायरेक्टर हायर एजुकेशन ने हरियाणा एफीलिएटेड कॉलेजिज सिक्युरिटी ऑफ सर्विस (1979) का हवाला देते हुए एडमिनिस्ट्रेटर आरएस वर्मा के भेजे पत्र में कहा है कि वीके गुप्ता सीनियर मोस्ट लेक्चरर हैं। इसी आधार पर ही कार्यकारी प्रिंसिपल बनाया है।
लेटर की कापी नहीं मिली -रेणु शर्मा
मैं तबीयत खराब होने की वजह से सोमवार से छुट्टी पर है। मुझे डायरेक्टर हायर एजुकेशन का लेटर नहीं मिला है कि वीके गुप्ता को कार्यकारी प्रिंसिपल बना दिया गया है। न ही कोई सूचना मिली है। मैं बुधवार को कॉलेज लौटूंगी। फिर मामले की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। db
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