** 2009 सितंबर के बाद जारी नहीं हुई मुख्याध्यापकों की पदोन्नति सूची
चंडीगढ़ : हरियाणा के हाई स्कूलों में मुख्याध्यापकों के 12 सौ पद खाली होने से वरिष्ठ शिक्षक स्कूल प्रबंधन में ही उलझ गए हैं। कार्यवाहक मुख्याध्यापक का दायित्व निभाने के कारण वे अपने अध्यापन विषय के साथ न्याय नहीं कर पा रहे। वरिष्ठ शिक्षकों का अधिकांश समय मुख्याध्यापक के नाते ली जाने बैठकों में ही बीत जाता है। इससे जहां स्कूल मैनेजमेंट प्रभावित हो रही है, वहीं बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है।उलझे
हाई स्कूलों में मुख्याध्यापकों के कुल 1500 में से 1200 पद खाली होने का सबसे बड़ा कारण सितंबर 2009 के बाद पदोन्नति सूची जारी न होना है। हाई स्कूल मुख्याध्यापकों के पदों पर मिडल स्कूल मुख्याध्यापक व सीनियर टीचर की प्रमोशन होनी थी, लेकिन पदोन्नति सूची जारी न होने के कारण पद खाली पड़े हुए हैं।
हाई स्कूलों में स्थायी मुख्याध्यापक न होने से वरिष्ठ शिक्षक दो पाटों में पिस रहे हैं। पहले उन्हें स्कूल प्रबंधन समिति व अन्य जरूरी बैठकें निबटानी जरूरी है, उसके बाद समय बचा तो बच्चों को पढ़ाएंगे भी। ऐसे में वह कठपुतली बनकर रह गए हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति प्राध्यापकों के पदों की भी है। टीजीटी व सीएंडवी टीचर को पदोन्नत न किए जाने से प्रदेश के स्कूलों में प्राध्यापकों के 85 सौ पद खाली चल रहे हैं। इससे शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहा है।
हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन शिक्षा मंत्री व प्रधान सचिव (शिक्षा) से कई बार पदोन्नति सूची जारी कर खाली पद भरने की मांग कर चुकी हैं, मगर नतीजा नहीं आया है। एसोसिएशन के प्रधान रमेश मलिक का कहना है कि छात्र व शिक्षा हित में विभाग को जल्द पदोन्नति सूची जारी करनी चाहिए।
"मुख्याध्यापकों व प्राध्यापकों की पदोन्नति सूची जारी करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। विभाग सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सूची जारी कर देगा।"--सुरीना राजन, प्रधान सचिव शिक्षा dj
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