चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सरकारी कॉलेजों में प्राध्यापक की सेवानिवृत्ति उम्र से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को 17 फरवरी के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में राजकीय कॉलेज रोहतक के प्रोफेसर ओमप्रकाश वधवा ने याचिका दायर कर प्रदेश केसरकारी कॉलेजों में प्राध्यापकों की सेवानिवृत्ति 58 साल में करने के नियम को चुनौती दी है।
याचिका में कहा गया है कि सरकारी व एडिड कॉलेज यूजीसी के नियमों के तहत चलते हैं। यूजीसी के एक आदेश के अनुसार लगभग सभी राज्यों ने अपने सरकारी कॉलेजों में प्राध्यापकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी है लेकिन हरियाणा सरकार ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। इस बाबत यूजीसी भी सरकार को कई बार पत्र लिख चुकी है। याचिका के अनुसार हरियाणा सरकार इस बारे में अपनी नीति स्पष्ट नहीं कर रही है। राज्य के सभी सहायता प्राप्त कॉलेज जिनको हरियाणा सरकार से अनुदान मिलता है, वहां प्राध्यापकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल कर दी गई है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि वह इस विसंगति को दूर करने के सरकार को आदेश दे।
अधिकतर सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल है तो सरकारी कॉलेजों के प्राध्यापकों को इससे वंचित क्यों रखा जा रहा है। पंजाब सिविल सर्विस रूल्ज हरियाणा के कर्मचारियों पर लागू होते हैं। इस नियम के तहत पंजाब सरकार ने भी पिछले साल अपने सभी कर्मचारियों व अधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 साल कर दी है। dj
1 comment:
sevakal 55 years ka hi hona chahiye
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