सोनीपत : जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए साक्षात्कार चल रहा है। विभाग द्वारा विभिन्न पदों के लिए 52 पदों का सृजन किया गया है।
इसके लिए विभाग ने 520 लोगों को मेरिट के आधार पर कॉल किया है। इसमें जो मेरिट रखी गई है, उस पर नजर डालें तो स्थिति काफी हैरान कर देने वाली है। आलम ये है कि चपरासी बनने के लिए एमए और बीएड जैसी डिग्री लेकर युवा लाइन में लगे हुए हैं। इन लोगों का कहना है कि डिग्री क्या करेंगे, पांच साल से तो बैग में बंद है। शायद चपरासी ही बन जाऊं। सरकारी नौकरी तो मिलेगी।
जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग द्वारा मार्च महीने में चपरासी, सीवरमैन, की-मैन, पेट्रोल मैन और फिटर के लिए आवेदन मांगा गया था। इसी दौरान सरकार ने सोसियो को आधार बनाकर आरक्षण की नई लिस्ट विभाग को पकड़ा दी। जिसके मुताबिक दोबारा से पदों का विभाजन करना पड़ा। इस पूरी प्रक्रिया में करीब छह महीने से ज्यादा का समय लग गया। जिसके बाद विभाग ने कागजों की काट छांट शुरू की। इसी में उच्च अधिकारियों ने भर्ती का तरीका बदल दिया। निर्देश दिया गया कि मेरिट आधार बनाया जाए और 520 लोगों को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया जाए।
दो साल पहले टेट पास की है, नौकरी नहीं लगी
शुक्रवार को साक्षात्कार का पहला दिन था। इस दिन विभाग की ओर से 50 लोगों को कॉल किया। जिसमें गोहाना से एमएड की डिग्री हाथ में लिए लाइन में लगे रवीश कौशिक, अशोक विहार के एमसीए डिग्री धारक लवेश कुमार सहित कई लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। रवीश से इस पद के लिए आवेदन करने के बारे में पूछने पर उसने कहा कि दो साल पहले उसने टेट की परीक्षा पास की है, लेकिन आज तक नौकरी नहीं लगी। घर में कोई कमाने वाला नहीं है। उसने इस पद पर ही नौकरी करने का मन बनाया है, लेकिन उसके मन में सिफारिशों का भय भी है। उसने कहा कि अगर रसूखदारों से कुछ बचा तो शायद उन्हें जगह मिल जाए।
बेरोजगारी
"साक्षात्कार के लिए 50 अभ्यर्थियों को एक दिन में बुलाया जा रहा है। जिसके तहत शुक्रवार को पहले दिन लोगों को इंटरव्यू लिया गया है। साक्षात्कार में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। किसी तरह की कोई गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है। पात्र को नौकरी मिलेगी।'' --ओपी गोयल, एसई, जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग, सोनीपत। db
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