गुडग़ांव : प्रदेश के सरकारी स्कूलों को आईआईटी में प्रवेश दिलाने के लिए शिक्षा विभाग ने कवायद छेड़ दी है। स्टूडेंट्स प्रवेश परीक्षा क्लियर कर सकें, इसके तहत शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के छात्रों को विशेषज्ञों द्वारा कोचिंग देने का निर्णय लिया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत विभाग इसकी शुरुआत गुडग़ांव से करने जा रहा है। खास बात यह होगी कि यह कोचिंग बच्चों के लिए नि:शुल्क होगी। इस कोचिंग के लिए स्टूडेंट्स को डेढ़ से दो लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं। अप्रैल 2014 से साइबर सिटी के एक स्कूल में कोचिंग प्रक्रिया शुरू होगी।
चक्करपुर स्कूल में होगी कोचिंग
स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग के विशेषज्ञ मनोज कौशिक ने बताया कि साइबर सिटी के चक्करपुर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में इसका सेंटर बनाया जाएगा। यहां विशेषज्ञों द्वारा स्टूडेंट्स को फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स, इंग्लिश और हिंदी विषयों की कोचिंग दी जाएगी। स्कूल में फिजिक्स, मैथ्स और केमिस्ट्री के लिए स्पेशल लैब बनाई जाएगी, ताकि स्टूडेंट्स अधिक से अधिक प्रैक्टिकल कर मुश्किल टॉपिक्स को समझ सकें। अप्रैल 2014 से इसे शुरू किया जाएगा।
लिखित परीक्षा द्वारा स्टूडेंट्ïस का होगा चयन
कोचिंग के लिए 10वीं के 50 और 11वीं कक्षा के 50 बच्चों का चयन लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा।यह परीक्षा प्रदेश स्तर के स्टूडेंट्स के लिए आयोजित होगी। परीक्षा में बेहतर परफॉर्म करने वाला स्टूडेंट इस कोचिंग का हिस्सा बन सकेगा। स्टूडेंट को कोचिंग के लिए कोई फीस नहीं देनी होगी। कोचिंग क्लासेज नॉर्मल कक्षाओं के बाद दी जाएंगी।
विभाग द्वारा अप्रैल में शुरू होगी कोचिंग :
अप्रैल में कोचिंग प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसमें दो विभाग होंगे। एक विभाग में पांच सब्जेक्ट प्राध्यापक रखे जाएंगे। आउटसोर्स के तहत पांच इंजीनियर में माहिर विशेषज्ञ रखे जाएंगे, जो स्टूडेंट्स की हर समस्या का हल करेंगे। वे प्रैक्टिकली भी उन्हें नॉलेज देंगे।
क्या होगा लाभ :
शिक्षा विभाग ने महसूस किया कि सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स आईआईटी एंट्रेस एग्जाम की कोचिंग महंगी होने के कारण इसका लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। छात्रों को मुफ्त में अच्छी शिक्षा के लिए विभाग ने नि:शुल्क कोचिंग देने का निर्णय लिया है। db
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