रेवाड़ी : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर प्रदेशभर में 20 हजार प्राध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया लगातार शिक्षा विभाग को कठघरे में खड़ा कर रही है। बिना मेडिकल व काउंसलिंग के नियुक्ति पत्र देने का विवाद थमा नहीं था कि अब शिक्षा निदेशालय ने एससीईआरटी का सहारा लेकर नवनियुक्त प्राध्यापकों का घर बैठे ट्रेनिंग प्रोग्राम का शैड्यूल जारी कर दिया। मतलब साफ है कि ये शिक्षक बजाय स्कूलों में विद्यार्थियों के पढ़ाने के अपने घर बैठे 23 दिसंबर तक पाठ्य योजना बनाएंगे। उसके बाद इसकी रिपोर्ट एससीईआरटी के पास भेजी जाएगी।
चार दिन से शिक्षा विभाग की कार्रवाई:
13 दिसंबर को हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद 14 दिसंबर को सरकारी अवकाश के दिन शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में चयनित हुए शिक्षकों को बिना मेडिकल व काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरा किए नियुक्ति पत्र थमाना शुरू कर दिया था। 15-16 दिसंबर को मजाक बनी यह प्रक्रिया जारी रही। नियुक्त हुए शिक्षक विभाग के आदेश का इंतजार कर रहे थे कि उन्हें जल्द ही स्कूल मिल जाएगा और वे विद्यार्थियों को पढ़ाना शुरू कर देंगे लेकिन 17 दिसंबर को जारी एक नोटिस ने इन शिक्षकों का भी मजाक बना दिया।
घर बैठे 7 दिन की पाठ्य योजना बनाओ, यहीं ट्रेनिंग
ऐसा पहली बार हो रहा है जब एससीईआरटी शिक्षकों को बजाय अपनी कार्यशाला गुडग़ांव में ट्रेनिंग देने के घर बैठे ही प्रशिक्षण देने का फरमान जारी कर रही है। इस नोटिस के मुताबिक चयनित हुए शिक्षक 23 दिसंबर तक घर बैठे ही दिए गए विभिन्न विषयों की योजना बनाए। जिन प्राध्यापकों को घर बैठे पाठ्य चयन का ट्रेनिंग प्रोग्राम दिया गया है वे बीएड के समय में ही इस कार्य को पूरा कर चुके हैं। ऐसे में इस कार्य का कोई मतलब नहीं रहता है।
पाठ्य चयन देना रूटीन प्रक्रिया : निदेशक
एससीईआरटी की निदेशक स्नेहलता ने माना कि नवनियुक्त प्राध्यापकों को घर बैठे 23 दिसंबर तक पाठ्य चयन से संबंधित ट्रेनिंग प्रोग्राम दिया गया है। निदेशक का मानना है कि इस आदेश में नया नहीं है रूटीन है। जहां तक घर बैठे ट्रेनिंग देने की बात है यह सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। इसके बाद ट्रेनिंग रिपोर्ट के लिए प्राध्यापकों को एससीईआरटी में बुलाया जाएगा। db
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