** लगभग पांच हजार मास्टरों को ग्रेड पे के साथ मिलेगी एक वेतन वृद्धि
चंडीगढ़ : शिक्षा विभाग ने प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत मास्टरों को एसीपी (एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन) योजना के तहत ग्रेड पे व एक वेतन वृद्धि देने का रास्ता साफ कर दिया है। मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने एसीपी शक्तियों का विभाजन कर मास्टर वर्ग को यह राहत प्रदान की है। महानिदेशक के निर्णय से प्रदेश के लगभग पांच हजार मास्टर लाभांवित होंगे।
नई व्यवस्था के तहत एसीपी में दी जाने वाले ग्रेड पे व एक वेतन वृद्धि की सिफारिश अब जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (डीईईओ) करेंगे।
जिला स्तर पर गठित होने वाली चार सदस्यीय समिति का चेयरमैन डीईईओ को बनाया गया है। खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी, स्कूल हेडमास्टर या प्रिंसीपल में से एक, डीईईओ के अधीक्षक व उप-अधीक्षक में से एक व सेक्शन ऑफिसर इसमें सदस्य होंगे। अभी मौलिक शिक्षा महानिदेशक ही एसीपी के मामलों को देख रहे थे। वर्ष 2005 से 2011 तक यह शक्तियां डीईईओ के पास ही थीं, लेकिन 2012 में महानिदेशक ने इन्हें अपने अधीन ले लिया था। इससे एसीपी के सैकड़ों मामले लटक गए।
एसीपी के एक हजार मामले पुराने व चार हजार उन मास्टरों के हैं जो अक्टूबर 2003 में पक्का हुए थे।
उन्हें इसी वर्ष अक्टूबर महीने में एसीपी के तहत प्रमोशनल स्केल मिलना था, मगर महानिदेशक कार्यालय में फाइल अटकने से यह संभव नहीं हो पाया। मास्टर वर्ग के बार-बार के आग्रह के बाद महानिदेशक ने पुरानी व्यवस्था बहाल करने का निर्णय लिया ताकि मास्टरों को उनका हक मिल सके। डीईईओ को एसीपी की शक्तियां मिलने से अब शिक्षकों का रिकार्ड सर्विस बुक सहित मुख्यालय नहीं भेजा जाएगा। चार सदस्यीय समिति द्वारा की जाने वाले सिफारिश के प्रमाण पत्र पर ही महानिदेशक ग्रेड पे व वेतन वृद्धि देने की मंजूरी दे देंगे।
मास्टर वर्ग को यह होगा फायदा
एसीपी योजना के तहत तीन चरणों मास्टरों को ग्रेड पे व एक वेतन वृद्धि मिलती है। पहला लाभ दस वर्ष की नौकरी पूरा होने पर दिया जाता है इसमें मास्टरों के ग्रेड पे में दो सौ रुपये की बढ़ोतरी व एक वेतन वृद्धि मिलती है। वेतन वृद्धि में बेसिक पे का तीन प्रतिशत मास्टरों को दिया जाता है। दूसरा लाभ बीस वर्ष की नौकरी पूरा होने पर मिलता है, इसके तहत मास्टरों के ग्रेड पे में 6 सौ रुपये बढ़ते हैं व एक वेतन वृद्धि दी जाती है। तीसरा लाभ तीस वर्ष की नौकरी पूरा होने पर मिलता है। इसमें ग्रेड पे में 6 सौ रुपये की बढ़ोतरी व एक वेतन वृद्धि होती है।
मास्टर हित में लिया निर्णय
मौलिक शिक्षा निदेशक डी सुरेश का कहना है कि मास्टर वर्ग काफी समय से एसीपी का लाभ दिए जाने की मांग कर रहा था। नई व्यवस्था के तहत एसीपी प्रक्रिया सरल होगी व शिक्षकों के एसीपी के मामलों का निस्तारण हर महीने किया जाएगा। dj
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