फतेहाबाद : ड्राइंग के शिक्षक बनने का सपना पाले बैठे हजारों युवाओं के सामने बड़ी दुविधा खड़ी हो गई है। बड़ी उम्मीद के साथ आर्ट एंड क्राफ्ट का कोर्स किया। कई साल तक ड्राइंग टीचर की भर्ती आने का भी इंतजार किया। अब सरकार की शर्तो ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है।
दरअसल, आर्ट एंड क्राफ्ट का कोर्स करने वाले ज्यादातर युवा 12वीं पास हैं। सरकार की घोषणा कहती है कि फाइन आर्ट में एमए व बीएड की योग्यता जरूरी है। इन्हीं शर्तो के बीच आर्ट एंड क्राफ्ट का कोर्स अपने अस्तित्व खोते हुए देख रहा है। करीब दस साल पहले सरकार ने ड्राइंग टीचरों की भर्ती की थी। तब आर्ट एंड क्राफ्ट योग्यता मांगी। तब परिस्थिति कुछ ऐसी थी कि आर्ट एंड क्राफ्ट पास युवा कम पड़ गए। तब युवाओं को लगा कि शायद इस दिशा में रोजगार के अवसर है। इसके बाद एकाएक युवाओं का रूझान आर्ट एंड क्राफ्ट की तरफ हो गया। हर तरफ इस कोर्स के लिए दौड़ शुरू हो गई। इसकी वजह ये भी थी कि 12वीं पास विद्यार्थी भी यह कोर्स कर सकते थे। छह साल पहले चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में भी यह कोर्स शुरू करवाया गया था। विश्वविद्यालय ने भी इसके लिए 12वीं पास योग्यता मांगी। इतना ही नहीं, हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने भी यह कोर्स शुरू करवाया। बोर्ड ने भी अधिकतम योग्यता इतनी ही मांगी। इस तरह प्रदेश में लगभग 20 हजार युवाओं ने यह कोर्स किया। अब सरकार ने कहा है कि एक शिक्षक के लिए बारहवीं पास होना काफी नहीं है। इसी आदेश ने कोर्स करने वालों को चिंता में डाल दिया है। पात्रों की सरकार से बात भी चल रही है, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ रही। लेकिन इतना तय है कि यदि सरकार अपनी शर्तो पर नियुक्तियां करती है तो पद भर नहीं पाएंगे। क्योंकि बहुत कम लोग हैं तो सरकार द्वारा निर्धारित योग्यता को पूरा करते हों।
सरकार तय करेगी: भारद्वाज
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन केसी भारद्वाज का कहना है कि ड्राइंग टीचर की योग्यता सरकार की तय करती है। इस मसले पर अब सरकार की कोई निर्णय ले सकती है। dj
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