** टीवी पर होगा कक्षाओं का सीधा प्रसारण सवाल भी पूछ सकेंगे
नई दिल्ली : एक साथ 50 शैक्षिक चैनल, वह भी चौबीसों घंटे चलने वाले। उसमें भी एक-एक चैनल किसी खास तरह की पढ़ाई के लिए समर्पित। रिकॉर्डेड ही नहीं, बल्कि आइआइटी, आइआइएम व कई विश्वविद्यालयों में चल रही कक्षाओं का 150 स्टूडियो से ‘लाइव टेलीकास्ट’। अगले साल पहली मई से धुआंधार तरीके से एक साथ शैक्षिक 50 चैनलों की यह बड़ी शुरुआत देश में टेलीविजन पर पढ़ाई की नई इबारत लिख सकता है। कम से कम, सरकार को तो ऐसा ही भरोसा है।
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय ने राष्ट्रीय शिक्षा सूचना संचार प्रौद्योगिकी मिशन (एनएमआइसीटीटी) के जरिये इस पहल को हकीकत में बदलने का पूरा खाका तैयार कर लिया है। मंत्रलय के सूत्रों का कहना है कि इन चैनलों पर रोजाना आठ घंटे विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों की कक्षाओं का सीधा प्रसारण होगा। उसके बाद के घंटों में रिकार्डेड टेलीकास्ट होता रहेगा। टेलीविजन पर पढ़ाई के दौरान छात्रों को एसएमएस, फोन-इन या ई-मेल के जरिये सवाल पूछने की सुविधा भी होगी।
पढ़ाई के शेड्यूल पहले से तय होंगे, ऐसे में छात्र पहले भी अपना सवाल पूछ सकेंगे। एक ऐसा सॉफ्टवेयर होगा जो एक तरह से सवालों को एक साथ कर देगा। फिर उनके जवाब एक साथ जारी कर दिए जाएंगे। खास बात यह है कि ऐसे सारे लेक्चर, सवाल व उनके जवाब आर्काइव (रिकार्ड) में मौजूद रहेंगे।
इस तरह की पढ़ाई को प्रभावी बनाने के लिए मंत्रलय देशभर में इच्छुक उच्च शिक्षण संस्थानों से मिलकर 150 अपने स्टूडियो खोलेगा। जिसका मुख्य हब एचआरडी मंत्रलय में होगा। अभी चल रहे साक्षात पोर्टल से अलग मंत्रलय एक साक्षात टीवी शुरू करेगा। देश में 14 करोड़ टीवी हैं, जिनके संचालन में 1.30 करोड़ ब्रॉड बैंड कनेक्शनों की बड़ी भूमिका है। ऐसे में ऑपरेटरों के लिए शैक्षिक चैनलों का चलाना अनिवार्य कर दिया जाए तो यह करोड़ों घरों तक सीधे पहुंच सकता है। मंत्रलय उसके लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय के संपर्क में है।
इन चैनलों को प्रसार भारती के जरिये ही चलाया जाना है, लिहाजा छात्रों को दाखिले के समय ही 1500 रुपये लेकर एक डिश दे दी जाए तो किसी परिवार को हमेशा के लिए पढ़ाई का साधन उपलब्ध हो जाएगा। dj
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