भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा 1 व 2 फरवरी को आयोजित की जा रही एचटेट परीक्षा में प्रदेश के हजारों कंप्यूटर साइंस के स्नातकोत्तर छात्र वंचित रहेंगे। एचटेट के लिए निर्धारित की गई शर्त को लेकर कंप्यूटर साइंस के छात्रों में रोष बना हुआ है। हालांकि शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि उनका कार्य परीक्षा का संचालन का है, शर्त निर्धारित करना शिक्षा विभाग का काम है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट एचटीईटी.एनआइसी.आइएन के इंफोरमेशन बुलेटिन में साफ तौर पर एचटेट के तीनों लेवल की योग्यताएं दर्शाई गई हैं। साथ ही तीन नए विषयों को शामिल करने की सूचना के साथ उनकी योग्यताओं का विवरण अलग अलग दिया गया है। कंप्यूटर साइंस विषय की पीजीटी के लिए एमएससी एवं एमसीए कोर्सो के साथ रेगुलर लिखा गया है। इससे प्रदेश में डिस्टेंस एजुकेशन से एमएससी व एमसीए पास करने वाले हजारों छात्रों के एचटेट से वंचित होने की आशंका पैदा हो गई है। साथ ही यह शर्त भी लगाई गई है कि एमसीए तीन साल का कोर्स ही मान्य है। इससे इंटीग्रेटेड एमसीए करने वाले छात्र भी असमंजस की स्थिति में हैं।
इस बारे में शिक्षा बोर्ड के शैक्षिक शाखा के उप निदेशक योगेश वशिष्ठ ने बताया कि कंप्यूटर साइंस एक गंभीर विषय है और इस विषय को पढ़ाने वाले रेगुलर ही होने चाहिए। हालांकि शर्त लगाने का कार्य शिक्षा बोर्ड का न होकर शिक्षा विभाग का है। वह इस बारे में कुछ भी नहीं कह सकते हैं। कंप्यूटर शिक्षक ललित शर्मा ने कहा कि यह डिस्टेंस से एमसीए व एमएससी पास करने वाले छात्रों के साथ अन्याय है। उन्होंने मांग की कि इस शर्त को तुरंत हटाया जाए। dj
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