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Wednesday, 18 December 2013

हाथ से प्रश्नपत्र बनाकर दिलाई गई परीक्षा

** पेपर समझ न आने पर फाइन आर्ट के छात्रों का हंगामा
रोहतक : एमडीयू में मंगलवार को फाइन आर्ट विभाग में कराई गई परीक्षा में प्रश्नपत्र समझ न आने पर छात्रों ने आधे घंटे तक हंगामा किया। विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में परीक्षा शाखा से राय लेकर छात्रों को हस्तलिखित प्रश्नपत्र देकर परीक्षा कराई। विवि में इस तरह से हस्तलिखित प्रश्नपत्र तैयार कर परीक्षा कराने का पहला मामला सामने आने से छात्र भी हैरान रह गए। 
मंगलवार दोपहर 2 बजे विजुअल आर्ट विभाग में मास्टर आफ विजुअल आर्ट के नौवें सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हुई। 15 छात्र परीक्षा देने पहुंचे। पेपर में 10 में से मात्र पांच प्रश्न हल करने थे। छात्रों ने एस्थेटिक्स एंड आर्ट एप्रिसिएशन विषय का प्रश्नपत्र हाथ में आते ही प्रश्नों के समझ न आने की बात उठाई और पाठ्यक्रम के बाहर से प्रश्न आने की बात कहकर परीक्षा का बहिष्कार कर दिया। विभागाध्यक्ष ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्रों ने शिक्षकों एक नहीं सुनी और नारेबाजी करने लगे। विभागाध्यक्ष ने इसकी जानकारी परीक्षा शाखा को दी। वहां से निर्देश मिलने के बाद विभागाध्यक्ष ने हस्तलिखित प्रश्नपत्र तैयार कर परीक्षा ली। ड्यूटी दे रहे शिक्षक भूपसिंह गुलिया ने मीडियाकर्मियों के सामने मामले को दबाने का भी प्रयास किया। 
बदल दिए कुछ प्रश्न भी 
शिक्षकों ने बताया कि छात्रों को अंग्रेजी व गूढ़ हिंदी समझ नहीं आती। इसलिए प्रश्नों को सरल भाषा में लिखकर दिया गया। शिक्षकों की ओर से भाव और मुद्रा से जुड़े प्रश्न नंबर एक और 9 को भी बदल दिया गया। वहीं अन्य प्रश्नों का भी इतना सरलीकरण कर दिया कि वे शिक्षकों व बच्चों के अनुकूल बन सकें। 
"छात्रों के हंगामा करने के बाद इस बारे में परीक्षा शाखा के मिस्टर धीमान से बात की गई, उन्होंने बताया कि दूसरा पेपर बनाकर दिया जा सकता है। इसके बाद पुराने पेपर से साधारण भाषा में हस्तलिखित प्रश्नपत्र बनाकर दिया गया, ताकि छात्रों को शांत किया जा सके।"--डॉ. सुषमा सिंह, विभागाध्यक्ष, फाइन आर्ट विभाग।                                          db






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