भिवानी : हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) में पहली बार शामिल किए गए पीजीटी कंप्यूटर साइंस में डिस्टेंस से एमएससी, एमसीए, बीई, बीटेक या आईटी करने वाले विद्यार्थी आवेदन नहीं कर सकेंगे। बोर्ड ने पीजीटी कंप्यूटर साइंस के एचटेट के लिए आवेदन करने वालों के समक्ष नियमित पढ़ाई की शर्त लगाई है। जिससे डिस्टेंस से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों में रोष है। सरकार के इस निर्णय के विरोध में विद्यार्थियों ने अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मन बनाया है।
एक और दो फरवरी को होने वाली एचटेट में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने नए विषय शामिल किए है। इनमें लेवल -2 में आर्ट और संगीत, लेवल -3 में फाइन आर्ट, संगीत, कंप्यूटर साइंस विषय शामिल किए गए है। कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थियों के लिए रखी गई योग्यता पर सवाल उठने लगे है। डिस्टेंस के विद्यार्थियों को साफ तौर पर ना कह दिया गया है। इससे डिस्टेंस से पढ़ाई करने वाले हजारों विद्यार्थियों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। वहीं विद्यार्थी भी सरकार के इस निर्णय को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहे है। एचटेट के लिए 27 दिसंबर तक ही ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
ये है पीजीटी में आवेदन करने की शर्तें :
पीजीटी कंप्यूटर साइंस के लिए नियमित रूप से दो वर्षीय एमएससी कंप्यूटर साइंस, तीन वर्षीय नियमित एमसीए कोर्स, नियमित रूप से बीई, बीटेक कंप्यूटर साइंस, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, आईटी नियमित कोर्स न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ पास होना जरूरी है। एससी, बीसी के विद्यार्थियों को नियम अनुसार पास प्रतिशतता में छूट दी जाएगी
ये है पीजीटी में आवेदन करने की शर्तें :
पीजीटी कंप्यूटर साइंस के लिए नियमित रूप से दो वर्षीय एमएससी कंप्यूटर साइंस, तीन वर्षीय नियमित एमसीए कोर्स, नियमित रूप से बीई, बीटेक कंप्यूटर साइंस, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, आईटी नियमित कोर्स न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ पास होना जरूरी है। एससी, बीसी के विद्यार्थियों को नियम अनुसार पास प्रतिशतता में छूट दी जाएगी
आवेदन के लिए नियमित पढ़ाई जरूरी
डिस्टेंस से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों सरकार के एचटेट में डिस्टेंस विद्यार्थियों पर रोक लगाने के निर्णय से रोष है। रोहतक गेट निवासी राहुल, बैंक कॉलोनी के दिनेश, कविता, एमसी कॉलोनी के दीपक आदि विद्यार्थियों ने बताया कि जब सरकार डिस्टेंस को मानती ही नहीं तो फिर प्रदेश सरकार की मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटियों में ये डिस्टेंस कोर्स कराए ही क्यों जाते है। अगर यूनिवर्सिटी नहीं कराएंगी तो विद्यार्थी नियमित ही ये कोर्स कर सकेंगे। अब अगर डिस्टेंस में सरकार ये कोर्स करा रही है तो डिस्टेंस के विद्यार्थियों को भी नियमित कोर्स करने वाले विद्यार्थियों की तरह ही हर जगह मान्यता देनी चाहिए। सरकार का यह निर्णय अनेक विद्यार्थियों के करियर पर भारी पड़ेगा और वे इस निर्णय के विरोध में कोर्ट जाएंगे। db
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