सोनीपत : पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की, साक्षात्कार पास किया और लंबे समय बाद जब चयनित सूची में नाम आया तो होना चाहिए तो खुश था, लेकिन फिर भी ये उदास हैं, क्योंकि शिक्षा विभाग की ओर से उनकी डिग्री को मानने से इंकार कर दिया है।
परिणाम स्वरूप नियुक्ति के लिए चुने जाने के बावजूद सैकड़ों उम्मीदवार सरकारी शिक्षक बनने से वंचित हो गए हैं। इन शिक्षकों ने विभागीय अधिकारियों से इस बाबत अपील भी की, लेकिन शिक्षकों के मुताबिक उनकी पीड़ा समझने को कोई तैयार नहीं है। यही कारण है कि निराश से चयनित पीजीटी उम्मीदवार अपने हकों के लिए कोर्ट का सहारा लेने का मन बना रहे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से फरवरी 2012 में पीजीटी के विभिन्न विषयों की भर्ती निकाली गई थी। सभी कागजी औपचारिकता और साक्षात्कार के बाद अप्रैल 2013 में सूची भी जारी कर दी थी, लेकिन मामला कोर्ट में जाने तथा कोर्ट से भर्ती पर लगी रोक हटने के बाद चयनित उम्मीदवारों के नियुक्ति पत्र विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए।
15 सौ उम्मीदवार भर्ती से हैं वंचित :
अब प्रदेश में करीब 15 सौ उम्मीदवार ऐसे हैं, जो चयनित होने के बाद भी भर्ती से वंचित हैं।
इन चार विवि के उम्मीदवार रोके
पीडि़त उम्मीदवार राजेश, अनिल कुमार, विजेंद्र, पूनम रानी, मनोज कुमार, सतेंद्र, पीयूष आदि ने बताया कि राजस्थान विद्यापीठ, राजस्थान, विनायका मिशन विश्वविद्यालय, ऐलन तमिलनाडु, बंगलुरु विश्वविद्यालय, बंगलुरु तथा आईएएसई विश्वविद्यालय, सरदार शहर राजस्थान से डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थियों को अभी भर्ती से वंचित रखा गया है।
वंचित उम्मीदवारो ने लगाए आरोप
भर्ती से वंचित किए गए उम्मीदवारो में बेहद रोष है। उन्होंने आरोप लगाए हैं। इससे पूर्व शिक्षा विभाग में और भी कई शिक्षक हैं व उन्होंने पदोन्नति भी हासिल की हुई है, यही नहीं जुलाई 2013 में भी इन्हीं चारों विवि से डिग्री लेकर कई प्राध्यापक ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) नियुक्त हुए हैं और अभी भी कार्यरत हैं। db
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