** आवेदकों ने जताई नाराजगी, कहा- उम्मीदों को लगा झटका
** शिक्षा बोर्ड के फैसले को लेकर विद्यार्थियों में रोष
हिसार : डिस्टेंस से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने वालों को एचटेट से वंचित किए जाने के हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के निर्णय को लेकर विद्यार्थियों में काफी रोष है। बोर्ड के इस निर्णय के विरोध में अब आवेदकों ने कोर्ट जाने का मन बना लिया है। कोर्ट में सरकार के इस फैसले को चुनौती देने के लिए रविवार को क्रांतिमान पार्क में डिस्टेंस से कंप्यूटर साइंस की डिग्री प्राप्ति करने वाले युवाओं ने बैठक बुलाई है।
हजारों युवाओं का भविष्य खराब
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा फरवरी माह में एचटेट की परीक्षा कराई जाएगी। एचटेट में इस वर्ष नए विषय के रुप में कंप्यूटर साइंस विषय को भी जोड़ा गया है।
कंप्यूटर साइंस के आवेदकों की योग्यता में डिस्टेंस की डिग्री को मान्यता नहीं दी गई है। केवल नियमित डिग्री करने वाले आवेदक ही एचटेट के लिए योग्य है। बोर्ड के इस निर्णय से डिस्टेंस की डिग्री प्राप्त करने वाले प्रदेश के हजारों युवाओं का सरकारी स्कूल मे लेक्चरर लगने की उम्मीदों को झटका लगा है। बोर्ड के इस फैसले से डिग्रीधारकों में रोष है। इसके लिए रविवार को वे क्रांतिमान पार्क में एकत्रित होंगे। इस दौरान कोर्ट में बोर्ड के इस निर्णय को चुनौती देने की रणनीति बनाई जाएगी।
विवि, कालेज व केंद्रीय स्कूल में डिग्री मान्य
विजय कुमार ने बताया कि डिस्टेंस की डिग्री को जब विश्वविद्यालय, कालेज व केंद्रीय विद्यालय शिक्षक योग्यता के लिए मान्य कर रहा है तो हरियाणा बोर्ड इसे कैसे नकार सकता है। उन्होंने कहा कि यह तो बेरोजगार युवाओं पर बोर्ड की दादागीरी है। बोर्ड की इस दादागीरी को कोर्ट के माध्यम से समाप्त करवाया जाएगा। इसके लिए रविवार को रणनीति तैयार करेंगे।बेकार जाएगी सारी मेहनत
प्रेम नगर निवासी प्रीति ने बताया कि उसने वर्ष 2012 में गुजवि से एमसीए की है। उसका सपना है कि वह सरकारी स्कूल में कंप्यूटर विषय की लेक्चरर बने इसके लिए उसने कड़ी मेहनत करके डिग्री प्राप्त की। लेकिन अब बोर्ड के एक फैसले ने उसका सपना टूटता नजर आ रहा है। प्रीति ने कहा कि जब डिस्टेंस डिग्री को मान्यता ही एचटेट में नहीं दी जा रही तो विश्वविद्यालय इसे अनुमति क्यों दे रहा है।
रोजगार का वादा झूठा
डिस्टेंस से एमएससी कंप्यूटर साइंस की डिग्री करने वाले विजय ने बताया कि सरकार एक तरफ तो लोगों को रोजी रोटी देने का वादा करती है, दूसरी तरफ मेहनत करके डिग्री लेने वाले युवाओं को रोजगार से वंचित करने के लिए नए नियम बना रहा है। नियमित डिग्री को ही स्थान देने के फैसला बिल्कुल गलत है इसके लिए हम कोर्ट में जाएंगे और अपना हक प्राप्त करने के लिए प्रयास करेंगे। db
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