** स्कूल का नाम, आइएफएससी कोड व खाता संख्या का ब्यौरा अनिवार्य
पानीपत : सरकारी स्कूलों में मिड डे मील का संकट नहीं उपजेगा। वित्त विभाग ने राहत प्रदान करते हुए ऑनलाइन पेमेंट का मसला तकनीकी रूप से सुलझा लिया। स्कूल इंचार्जो को अब पेमेंट के भुगतान में कोई परेशानी आड़े नहीं आएगी। स्कूलों को यह राहत चालू वित्तीय वर्ष तक मिलेगी। सरकारी स्कूलों में भविष्य संवारने में जुटे लाखों विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन (मिड डे मील) मुफ्त में दिया जाता है।
एमडीएम व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए चेक भुगतान पर अंकुश लगाकर ई पेमेंट (ऑनलाइन) की प्रणाली शुरू की गई। ई पेमेंट से बेनिफिशियरी के अकाउंट में सीधे राशि पहुंचाने के आदेश दिए गए। स्कूलों में पदस्थ डीडीओ के लिए यह जी का जंजाल बन गया। ट्रेजरी से बिल ड्रा न होने से स्कूलों में एमडीएम फंड का संकट गहराने लगा। फुटकर सामान उपलब्ध कराने वालों को पेमेंट देना मुश्किल हो गया। मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को जब इस बात की भनक मिली तो समस्या के समाधान में जुट गए। बीते 6 दिसंबर को प्रदेश भर के डीईईओ की बैठक पंचकूला मुख्यालय में बुलाई थी।
ऑनलाइन बिल होगा तैयार
मौलिक शिक्षा निदेशालय में बुलाई गई बैठक में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को एमडीएम बिल ड्रा कराने की हिदायत दी गई। डीईईओ स्कूलों के नाम का ऑनलाइन बिल तैयार करवाएंगे। वित्त निदेशालय के अधिकारियों ने बिल में स्कूल का नाम, आइएफएससी कोड, खात संख्या व राशि का अनिवार्य रूप से उल्लेख करने के निर्देश दिए। मालूम हो कि ऑनलाइन पेमेंट से पहले चेक से बिल भेजा था। बिल ड्रा कराने की जिम्मेवारी अब डीईईओ के कंधों पर होगी। बेनीफिशियरी को पेमेंट देने में आसानी होगी।
दो-दो करोड़ की ग्रांट राशि
मौलिक शिक्षा निदेशालय से दो माह पूर्व प्रत्येक जिलों को 2-2 करोड़ की ग्रांट दी गई। मिड डे मील राशि संबंधित सरकारी स्कूलों के डीडीओ के खाते में डालने के आदेश दिए गए। ई पेमेंट के जरिए ये राशि बेनीफिशियरी के खाते में भुगतान किया जाना था। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.