** करीब 300 शिक्षकों को होगा फायदा, शिक्षा विभाग ने 1999 तक के नियमित जेबीटी अध्यापकों से मांगे
** आवेदन, डीईईओ कार्यालय में कराने होंगे जमा
भिवानी : लंबे इंतजार के बाद जेबीटी शिक्षक स्थायी होंगे। शिक्षा विभाग ने वर्ष 1999 से पहले के सभी जेबीटी अध्यापकों को नियमित करने का निर्णय लिया है। इससे करीब तीन सौ अध्यापकों को सीधे तौर पर फायदा होगा, वहीं उनके अन्य साथियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
शिक्षा विभाग की ओर से जिले के सभी स्कूलों में पत्र भेजकर जेबीटी शिक्षकों के स्थायीकरण के लिए आवेदन मांगे हैं। फिलहाल 31 दिसंबर 1999 तक के नियमित जेबीटी अध्यापकों से ही स्थायीकरण के लिए आवेदन मांगे हैं। सभी जेबीटी अध्यापकों को 15 फरवरी तक अपने आवेदन जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कराने होंगे।
आवेदन मांगे हैं
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सहायक राजेंद्र दून ने बताया कि विभाग ने जेबीटी शिक्षकों से स्थायीकरण के लिए आवेदन मांगे हैं। स्थायीकरण के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों को स्थायीकरण प्रपत्र, निजी मिस, सेवा पंजिका, एसीआर समरी शीट अपने आवेदन के साथ लगानी होगी।
बिना स्थायी हुए ही रिटायर हो जाते हैं अधिकतर शिक्षक
प्रदेश में अधिकतर जेबीटी शिक्षक स्थायी हुए बिना ही रिटायर हो जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार प्रदेशभर में 200 से 300 व जिले में हर साल 25 से 30 शिक्षक स्थायी हुए बिना ही रिटायर हो जाते हैं। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करीब तीन सौ जेबीटी शिक्षक स्थायी होंगे। इन शिक्षकों के अलावा उनके साथियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
दरअसल नियमित जेबीटी शिक्षकों को यदि लोन लेना होता है तो उन्हें किसी स्थायी शिक्षक की गवाही या गारंटी मांगते हैं। इसमें स्थायी शिक्षक के स्थायी होने का वर्ष व पूरी जानकारी रिकार्ड करने के बाद ही लोन पास होता है।
शिक्षकों को स्थायी होने का बहुत फायदा होगा। स्थायी होने के बाद जब तक इन पर कोई गंभीर आरोप नहीं लगे या फिर ये किसी बड़ी आपराधिक घटना में शामिल न हों तब तक इन्हें हटाया नहीं जा सकता। विभाग की जिस यूनिट में इन्हें स्थायी किया जाता है, अगर वह खत्म भी हो जाए तो भी इन्हें नहीं हटाया जा सकता। उन्हें कहीं और मर्ज करना होगा। वेतन पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। लोन आदि में भी स्थायी शिक्षकों को सुविधा रहती है।
"हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ काफी समय से जेबीटी शिक्षकों को स्थायी करने की मांग कर रहा था। शिक्षा विभाग ने संघ की मांग पूरी की है। हम चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी इन्हें स्थायी कर सूची जारी की जाए।"--जयवीर सिंह नाफरिया, प्रदेश प्रवक्ता हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ db
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