झज्जर : पिछले 22 माह से बकाया वेतन न मिलने से खफा राजकीय विद्यालयों में तैनात कंप्यूटर लैब सहायकों ने रविवार को झज्जर में सीएम व शिक्षामंत्री के पुतलों की शवयात्रा निकाली। शवयात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से निकाली गई। बाद में शिक्षामंत्री आवास के समक्ष दोनों शवों में आग लगाई गई।
इस दौरान कंप्यूटर लैब सहायकों ने चेतावनी दी है कि अगले 10 दिनों में बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है और वेतन में वृद्धि नहीं होती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को लैब सहायक मजबूर होंगे। इससे पूर्व राजकीय स्कूलों में प्राइवेट कंपनी द्वारा लगाए गए कंप्यूटर लैब सहायक बड़ी संख्या में श्रीराम शर्मा पार्क में एकत्रित हुए और रोष सभा के उपरांत शिक्षामंत्री व मुख्यमंत्री की शवयात्रा निकाली।
यह बस अड्डा रोड, अंबेडकर चौक, दीवान दिलावर सिंह चौक, पुरानी तहसील रोड आदि स्थानों से होते हुए शिक्षामंत्री गीता भुक्कल के आवास पर पहुंची। जहां लैब सहायकों ने प्रधान कृष्ण कुमार के नेतृत्व में पुतलों की चिता जलाई। इससे पहले तसीलदार श्यामलाल को ज्ञापन सौंपा। विरोध प्रदर्शन में कृष्ण कुमार के अलावा अरूण कुमार, मनीषा, विनोद, रजनी, सुनील कुमार, कविता शामिल रहे।
ये हैं मांगें
लैब सहायकों ने कहा कि एन.आई.सी.टी. व मैसर्ज कोर एंड टैक्नोलॉजी लिमिटेड द्वारा प्रतिदिन 120 रुपए मानदेय के आधार पर राजकीय विद्यालयों में कंप्यूटर लैब सहायक के रूप में करीब 2 साल पूर्व लगाया गया था, लेकिन 22 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। बताया जाता है कि समय पर कंपनी द्वारा वेतन न दिए जाने के कारण बहुत से लैब सहायकों ने तो माह पहले ही स्कूल जाना बंद कर दिया है।
27 को जंतर-मंतर पर होगा प्रदर्शन
कंप्यूटर लैब सहायक अब आगे की रणनीति के तहत दिल्ली के जंतर-मंतर पर 27 फरवरी को प्रदर्शन करेंगे। संगठन के जिला प्रधान कृष्ण ने बताया कि इस प्रदर्शन के बाद ही सभी साथियों ने दिल्ली में जाकर हरियाणा सरकार को चेताने का मन बनाया है, जिसे सभी ने स्वीकार किया है। इस दौरान प्रदेशभर के कंप्यूटर सहायक दिल्ली कूच करेंगे।
तहसीलदार से तकरार
दो साल से वेतन न मिलने और स्थाई भर्ती होने का दर्द कंप्यूटर लैब सहायकों में देखा जा रहा है। इसे जाहिर करने के लिए सभी लोग सीएम व शिक्षा मंत्री के पुतले की शव यात्रा शिक्षा मंत्री के घर के दरवाजे तक लाना चाहते थे, हालांकि प्रदर्शनकारियों से ज्यादा पुलिस की संख्या होने पर ऐसा न हो सका। शिक्षा मंत्री के घर से काफी दूर बेरीकेट्स लगाकर पुलिस मुस्तैद रही। हालांकि महिला व पुरुष कर्मचारियों ने बेरीकेट्स हटाकर जब निवास के पास जाना चाहा, तब पुलिस अफसरों के अलावा कर्मचारियों की तहसीलदार से काफी बहस हुई। तहसीलदार ने भी कानून व्यवस्था का हवाला देकर सभी को शांत कराया। db
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