पिछले महीने हाईकोर्ट ने 2862 जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति खारिज करते हुए प्रदेश सरकार से एक माह में जवाब देने के लिए कहा था। अदालत ने सरकार को एकल मेरिट सूची बनाने के आदेश भी दिए थे लेकिन सरकार इस मामले में किसी भी तरह का जवाब देने से बच रही है। चूंकि इनेलो ने इसी मामले को लेकर प्रदेश में जनजागरण अभियान चला रखा है इसलिए सरकार इस मुद्दे को लोकसभा चुनाव तक लंबित रखना चाहती है। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल का कहना है कि अदालत में जवाब देने के लिए कानूनी राय ली जा रही है।
भर्ती में हुई थी धांधली : 1500 उम्मीदवारों के नंबर बढ़ाए
इस मामले में दिए गए सीबीआई कोर्ट के फैसले के अनुसार, इंटरव्यू के बाद बनी पहली लिस्ट में करीब 1500 उम्मीदवारों के नंबर कम थे। इनके नंबर दूसरी लिस्ट में बढ़ा दिए गए जबकि इंटरव्यू दोबारा हुआ ही नहीं। इनमें से कुछ उम्मीदवारों के पहली लिस्ट में इंटरव्यू में चार या पांच नंबर थे जबकि दूसरी लिस्ट में उन्हें 17 से 18 कर दिया गया। यही नहीं, वर्ष 1999 में 3206 टीचरों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया जबकि रिजल्ट 3006 का ही जारी किया गया। वर्ष 2000 में भर्ती में नाकाम रहे उम्मीदवारों ने ८० अलग-अलग याचिकाएं कोर्ट में दायर की थीं। इनमें कहा गया कि उनका नाम डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटियों द्वारा तैयार लिस्ट में था लेकिन बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रभाव में मेरिट लिस्ट बदल दी गई। इसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला 10-10 साल की सजा काट रहे हैं। dbktl
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.