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Monday, 24 February 2014

बच्चों को पढ़ाएं या क्लर्क का कार्य करे

** स्कूलों में क्लर्कों की चल रही है कमी
सिरसा : राजकीय स्कूलों में प्राचार्य व शिक्षकों को पढ़ाई के साथ क्लर्क का कार्य भी करना पड़ रहा है। स्कूलों में क्लर्क के रिक्त पड़े पदों के कारण शिक्षकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। जिले के राजकीय स्कूलों में पिछले छह से सात सालों से 72 क्लर्क के पद रिक्त पड़े हैं। शिक्षा विभाग ने राजकीय स्कूलों का रिकार्ड व्यवस्थित करने के लिए क्लर्क के पद स्वीकृत किए हुए है। क्लर्क का कार्य शिक्षकों की पे निकालना, आरटीआई की सूचना देने व विद्यार्थियों की फीस वसूलने का कार्य करते हैं। जिले के सीनियर सेकंडरी स्कूलों में 34 व हाई स्कूलों में 38 क्लर्क के पद रिक्त पड़े हुए हैं। स्कूलों में क्लर्क के पद रिक्त होने के कारण प्राचार्य व शिक्षक ही क्लर्क का कार्य करते हैं। जिसके कारण विद्यार्थी की पढ़ाई बाधित होती है। 
मैं खुद ही करती हूं क्लर्क का कार्य: प्राचार्या 
गांव नाथूसरी कलां के राजकीय गल्र्स सीनियर सेकंडरी स्कूल की प्राचार्या सुनीता सांई ने कहा कि स्कूल में पिछले सात साल से क्लर्क का पद रिक्त पड़ा हुआ है। जिसके कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। स्कूल में क्लर्क का पद रिक्त होने के कारण मैं खुद ही क्लर्क का कार्य करती हूं। इस वजह से काफी समय बेकार हो जाता है। 
चपड़ासी भी नहीं 
शिक्षा विभाग ने सीनियर सेकंडरी स्कूलों में चपड़ासी के तीन तीन पद, हाई स्तर पर दो दो पद व मिडल स्तर पर एक एक पीयन का पद स्वीकृत किए गए हैं। जिले के 560 प्राथमिक स्कूलों में 68 पीओन के पद, 106 हाई स्कूलों में 90 पद व 71 सीनियर सेकंडरी स्कूलों में 80 चपड़ासी के पद रिक्त हैं। स्कूलों में चपड़ासी के रिक्त पड़े हुए पदों के कारण विद्यार्थी ही शिक्षकों को चाय पानी पिलाते हैं लेकिन पता चलने पर स्कूल में हंगामा करते हैं। 
इस बारे में पत्र भेजा है विभाग को: ग्रोवर 
"राजकीय स्कूलों में पीओन व क्लर्क के खाली पड़े हुए पदों के कारण काफी दिक्कतें आ रही है। इसके लिए विभाग को पत्र भेजा है।"--कुमकुम ग्रोवर, डीईओ                                                  db

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