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Wednesday, 26 February 2014

छात्रों को स्कूलों से डायरेक्ट मिलेगी जॉब

** खुशखबरी : वोकेशनल कोर्सेज के जरिये छात्रों को रोजगार दिलाने का ब्लूप्रिंट तैयार, स्कूली स्तर पर ही छात्रों को 2015-16 से मिलेगा प्लेसमेंट
नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए खुश खबरी है। इन छात्रों को दक्षता के आधार पर अब औद्योगिक क्षेत्रों की ओर से सीधे स्कूलों में जॉब ऑफर की जाएंगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा पढ़ाए जा रहे 45 वोकेशनल कोर्सेज से छात्रों को प्लेसमेंट दिलाने के लिए बोर्ड की ओर से एक ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है, जिस पर बोर्ड अधिकारियों ने काम भी करना शुरू कर दिया है। इसके तहत औद्योगिक क्षेत्रों से संपर्क साधा जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि वह अपने कार्यक्षेत्र के लिए सुशिक्षित और स्किल बेस्ड छात्रों का चयन स्कूली स्तर पर कर सकते हैं। यह प्रक्रिया वर्ष 2015-16 से शुरू होगी। इसमें कंपनी अपने मानव संसाधन (एचआर) विभाग से नियोक्ताओं को सीधे स्कूल भेजेंगे और छात्रों की स्किल की परख कर उन्हें नियुक्ति पत्र प्रदान करेंगे। 
बोर्ड में प्रोग्राम ऑफिसर (वोकेशनल) डॉ. बिश्वजीत शाह मानते हैं कि वोकेशनल कोर्सेज को लेकर स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, जिसे पूरा करने के लिए बोर्ड की तरफ से स्कूली शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इतना ही नहीं बोर्ड ने छह माह के लिए 123 प्रोफेशनल्स हायर किए हैं। अगर स्कूलों की मांग ज्यादा समय के लिए होगी तो छह माह के बाद इन ट्रेंड प्रोफेशनल्स को वेतन का भुगतान स्कूलों की ओर से किया जाएगा। इतना ही नहीं, सीबीएसई ने स्कूलों को यहां तक कहा है कि अगर उन्हें वोकेशनल कोर्स पढ़वाने के लिए एक्सपर्ट शिक्षकों या ट्रेंड प्रोफेशनल्स की जरूरत है, तो उसकी नियुक्ति में भी बोर्ड सहयोग करेगा। 
अभी नौंवी से दसवीं कक्षा के छात्रों को वोकेशनल कोर्स में रिटेल, सिक्योरिटी, इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी,ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी और पर्यटन कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं। जिसके सिलेबस कंटेंट औद्योगिक मांग के अनुरूप हैं और छात्रों को साल में 200 घंटे की पढ़ाई अनिवार्य है। इसके अलावा 12वीं कक्षा में पढ़ाए जाने वाले 40 वोकेशनल कोर्सेज में ऑफिस सेक्रेट्रीशिप, स्टेनोग्राफी एंड कंप्यूटर एप्लीकेशंस, मार्केटिंग एंड सेल्समैनशिप, बैंकिंग, फाइनेंशियल मार्केट मैनेजमेंट, बिजनेश एडमिनिस्ट्रेशन के अलावा इंजीनियरिंग बेस्ड कोर्सेज में इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी, सिविल इंजीनियरिंग, जियो स्फटिकल टेक्नोलॉजी, एयर कंडिशनिंग एंड रेफरिजरेटिंग टेक्नोलॉजी, आईटी एप्लीकेशन, मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नीक्स, एक्सरे टेक्नीशियन, हेल्थ एंड ब्यूटी स्टडी, मेडिकल डायग्नोस्ट्क्सि के अलावा फैशन डिजाइनिंग, लाइफ इंश्योरेंस, पोल्ट्री फार्मिंग, फूड प्रोडक्शन, मास मीडिया स्टडीज एंड मीडिया प्रोडक्शन, बेकरी एंड कनफेक्शनरी, ट्रैवल एंड टूरिज्म आदि कोर्स शामिल हैं। 
छात्रों के कॅरियर निर्माण की दिशा में बेहतर कदम 
डॉ. बिश्वजीत शाह बताते हैं कि यह सभी कोर्सेज दैनिक जीवन की उपयोगिता से जुड़े हुए हैं और औद्योगिक जरूरतों को पूरा करते हैं। कंपनियों को उपरोक्त कोर्सेज वाले सेक्टर में विषय की समझ वाले पढ़े-लिखे यूथ नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में बोर्ड चेयरमैन विनीत जोशी ने कंपनियों की जरूरत के साथ-साथ स्कूली शिक्षा के बाद रोजगार ढूंढने वाले छात्रों के लिए एक विकल्प तैयार किया है। जिससे कंपनियों को तकनीकी समझ रखने वाला यूथ ह्यूमन रिसोर्स मिलेगा और कंपनियां इन छात्रों का टेस्ट लेकर अपने यहां नौकरी दे सकेंगी। इससे युवाओं को कॅरियर निर्माण की दिशा में बेहतर विकल्प मिल सकेंगे।                                        dbndli

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