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Friday, 21 February 2014

गेस्ट टीचर बंटे : एक गुट वार्ता में दूसरा जंतर-मन्त्र पर

चंडीगढ़ : नियमित करने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर आमरण अनशन कर रहे गेस्ट टीचरों ने सरकार पर अनशन खत्म करने के लिए उनके साथ साजिश करने का आरोप लगाया है। इनका एक गुट चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ होने वाली बातचीत का बहिष्कार करके दिल्ली लौट गया और आंदोलन जारी रखने की घोषणा की। जबकि, दूसरे गुट को सीएम ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का भरोसा दिलाया है। इन टीचरों को सीएम के आश्वासन पर ही बातचीत के लिए गुरुवार को चंडीगढ़ बुलाया गया था। 
सिविल सचिवालय में गुरुवार शाम को जब गेस्ट टीचर सीएम से बात करने पहुंचे तो वे पूर्व प्रधान अरुण मलिक को देखकर नाराज हो गए। इस गुट के संयोजक शशिभूषण ने बताया कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली में उन्हें भरोसा दिलाया था कि मलिक को बातचीत में शामिल नहीं किया जाएगा। उन्होंने बातचीत के लिए शर्त रखी कि पहले मलिक को इस वार्ता से अलग किया जाए। सरकार इस पर सहमत नहीं हुई। इसलिए शशिभूषण के नेतृत्व में आए गेस्ट टीचर वार्ता का बहिष्कार करके दिल्ली लौट गए। 
इससे पहले शशिभूषण ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में आरोप लगाया कि अनशन को खत्म करने के लिए सरकार ने उनके साथ साजिश की है। 
इधर, दूसरे गुट का नेतृत्व कर रहे अतिथि अध्यापक संघ के पूर्व प्रधान अरुण मलिक ने वार्ता को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अतिथि अध्यापकों का काफी ध्यान रखा है। उनकी मांगें पहले भी पूरी की गई हैं और उन्हें उम्मीद है कि आगे भी की जाएंगी। 
रोडवेज कर्मियों ने भी लगाया था फूट डालने का आरोप: इससे पहले रोडवेज वर्कर्स यूनियन ने भी सरकार पर उनका आंदोलन खत्म करवाने के लिए फूट डालने का आरोप लगाया था। 20 जनवरी को आधी रात में हड़ताली रोडवेज कर्मियों के एक गुट को वार्ता के लिए चंडीगढ़ में उद्योग मंत्री रणदीप सुरजेवाला के आवास पर बुलाया गया था। इसमें सरबत पूनिया की अध्यक्षता वाले गुट को नहीं बुलाया गया था। 
अब आगे क्या
दिल्ली में चल रहा आमरण अनशन फिलहाल जारी रहने की उम्मीद है। गेस्ट टीचर अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और उसके प्रत्याशियों का खुलकर विरोध करने का रास्ता अपना सकते हैं।                                                        db 

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