** शिक्षकों के सामने आर्थिक संकट, उधारी से चला रहे घर
पहले नियुक्ति पाने की जिद्दोजहद और अब घर चलाने के लिए वेतन का इंतजार। यह स्थिति बनी है हाल ही में सरकारी स्कूलों में नियुक्ति हुए पीजीटी शिक्षकों की। शिक्षा विभाग ने पीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति तो करा दी, लेकिन उनके वेतनमान के लिए अब तक दिशा-निर्देश जारी नहीं हो सके हैं।
नवनियुक्त पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति मिले इस समय दो माह और पांच दिन का समय हो चुका है। माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने पीजीटी शिक्षकों को प्रदेश भर में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में ज्वाइनिंग करा दी थी। इस दौरान उनसे दस-दस स्टेशन की सूची मांगी गई थी और लेसन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। लगभग डेढ़ माह तक पीजीटी शिक्षकों ने अपनी हाजिरी डीईओ कार्यालय में लगाई।
इसके बाद 19-20 जनवरी को शिक्षा विभाग ने पीजीटी शिक्षकों की विभिन्न जिलों में काउंसलिंग आयोजित की थी। काउंसलिंग में पीजीटी शिक्षकों को स्कूल अलॉट किए गए थे। इसके बाद 28 जनवरी को पीजीटी शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से रिलीव कर दिया गया था और संबंधित स्कूलों में नियुक्ति करा दी थी। स्कूलों में पढ़ाते हुए भी पीजीटी शिक्षकों को 22 दिन से अधिक का समय हो गया। नियुक्ति से लेकर अब तक पीजीटी शिक्षकों को विभाग में काम करते हुए ढाई माह का समय हो चुका है, लेकिन उनके वेतनमान को लेकर अब तक विभागीय अधिकारियों के पास किसी प्रकार के दिशा-निर्देश नहीं आए हैं। डेढ़ माह तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लगी हाजिरी और उसके बाद स्कूलों में लगी हाजिरी का वेतन किस प्रकार से मिलेगा, इस बारे में कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं आए हैं। वेतनमान न मिलने से शिक्षकों के सामने आर्थिक संकट भी पैदा होता जा रहा है और पीजीटी शिक्षक उधारी से काम चला रहे हैं। नवनियुक्त पीजीटी शिक्षकों ने नाम न छापने पर कहा कि पहले तो उन्हें नियुक्ति के लिए इंतजार करना पड़ा और अब उन्हें वेतनमान पाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी जोगेंद्र का कहना है कि उन्होंने दो-तीन पहले ही जींद में नियुक्ति की है। इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। फिलहाल पीजीटी शिक्षकों की ज्वाइनिंग जारी भी है। djjnd
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