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Friday, 28 February 2014

उम्रभर पढ़ाया, अब पेंशन के लिए मिल रहे धक्के

अंबाला के अनुदान प्राप्त स्कूलों के सेवानिवृत अध्यापकों को पेंशन के लिए भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। बताया गया है कि शिक्षा विभाग की ओर से पेंशन राशि के भुगतान के कागजात समय पर जिला शिक्षा अधिकारी को भेज दिये जाते हैं, लेकिन कागजी कार्रवाई पूरी न होने से समय पर सेवानिवृत अध्यापकों को भुगतान नहीं हो पाता। कई बार तो 2-2 महीने इंतजार करना पड़ता है। हरियाणा में सेवानिवृत अध्यापकों की तादाद 2200 के करीब है वहीं अंबाला में 400 पूर्व अध्यापक हैं।
यहां आती है मुश्किल
शिक्षा विभाग से पेंशन भुगतान का बजट आने के बाद डीईओ के लेखा अधिकारी को अलग-अलग स्कूलों के बिल बनाने होते हैं। आमतौर पर स्कूलों को बाहर से बिल तैयार करने के लिए कहा जाता है क्योंकि लेखा अधिकारी के पास दफ्तर के और काम भी होते हैं। गौरतलब है कि पिछले एक महीने तक अंबाला में जिला शिक्षा अधिकारी का पद रिक्त रहा जिससे बिल भी रुके रहे। आखिरकार जब विभाग ने किसी और डीईओ को अंबाला का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया तब जाकर इन अध्यापकों के बिलों पर डीईओ के दस्तखत हो पाए।
हरियाणा सेवानिवृत अध्यापक संघ के महासचिव कुंदन लाल का कहना है कि जिस तरह सरकारी स्कूलों के सेवानिवृत अध्यापकों को हर महीने तय तिथि पर पेंशन का भुगतान हो जाता है उसी तरह की सुविधा अनुदान प्राप्त स्कूलों के रिटायर्ड अध्यापकों के लिए भी होनी चाहिए।
उनका कहना है कि शिक्षा विभाग को पेंशन के भुगतान के लिए कागजात डीईओ दफ्तर को भेजने की बजाय सीधे तौर पर अध्यापकों के खातों में पेंशन राशि जमा करवानी चहिये। वहीं एक सेवानिवृत अध्यापक महेंद्र कुमार का कहना है कि इन स्कूलों के अध्यापकों के साथ सरकार व विभाग का बेहतर रवैया नहीं है। उनके मुताबिक डीईओ को कड़े निर्देश जारी करने चाहियें ताकि सेवानिवृत अध्यापकों को पेंशन के लिए परेशानी न उठानी पड़े।                                                           dt

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