नेशनल टेलेंट सर्च एग्जाम (एनटीएसई) का रिजल्ट घोषित हो चुका है। इस बार इस परीक्षा में हिसार जिले के विद्यार्थी फिसड्डी साबित हुए। जिलेभर से 1500 के लगभग विद्यार्थियों ने यह परीक्षा दी थी, मगर एक भी विद्यार्थी पास नहीं कर सका। उधर, पिछले वर्ष तीन विद्यार्थियों ने यह परीक्षा पास की थी। ये तीनों प्राइवेट स्कूल से थे।
यह है परीक्षा सिस्टम
नेशनल टेलेंट सर्च एग्जाम एनसीईआरटी की ओर से आयोजित किया जाता है। यह परीक्षा दो चरणों में होती है। पहले चरण की परीक्षा प्रदेश के शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित की जाती है, जबकि दूसरे चरण में एनसीआरटी खुद यह परीक्षा लेता है। इस योजना के तहत देशभर से एक हजार बच्चों का चयन किया जाता है। इसमें से 83 बच्चे प्रदेश के होते हैं। दसवीं के बच्चे यह परीक्षा दे सकते हैं। इस योजना के तहत यह परीक्षा पास करने वाले बच्चों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से जब तक वह बच्चा अपनी पढ़ाई करता है, तब तक उसे 500 रुपये प्रति महीने के हिसाब से स्कॉलरशिप दी जाती है।
एनटीएसई के पहले चरण में प्रदेशभर के 99 विद्यार्थी पास हुए हैं, जिनमें से हिसार जिले का एक भी छात्र नहीं है। विभाग के मुताबिक इस बार पास होने वाले बच्चों में से ज्यादातर महेंद्रगढ़ व फरीदाबाद जिले के हैं। उधर, इस दफा स्कूल संचालक व अभिभावक एससीईआरटी की कार्यप्रणाली से खफा है। उनके मुताबिक एससीईआरटी ने वेबसाइट पर जो रिजल्ट अपलोड किया है, उसमें परीक्षार्थियों के अनुक्रमांक व स्कूल का नाम ही नहीं है।
"रिजल्ट में बच्चों के रोल नंबर, स्कूल या जिले का नाम नहीं है। इस कारण से यह पता नहीं चल सका है कि जिले से कितने बच्चों ने यह परीक्षा पास की है। पिछले वर्ष तीन बच्चों ने पहले लेवल की परीक्षा की पास की थी, ये तीनों ही जिंदल मॉडर्न स्कूल के छात्र थे।"--जगदीश, जिला गणित विशेषज्ञ dbhsr
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