सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला के रानियां खंड में विद्यार्थियों को पुस्तकें वितरित करने के लिए भेजी गई थी। लेकिन यहां पुस्तकें विद्यार्थियांे की संख्या से अधिक पहुंच गई हैं। ऐसे में पुस्तकें का स्टॉक बच गया। उधर दूसरी ओर जिला के कई खंडों के स्कूल ऐसे भी हैं जहां पुस्तक वितरण नहीं हो पाया। अधिकारियों ने इसका कारण यह बताया कि पुस्तकों से अधिक विद्यार्थियों की संख्या रही। ऐसे में बड़ी संख्या में विद्यार्थी पुस्तकांे से वंचित रह गए।
अब रानियां खंड के शिक्षा अधिकारी ने मौलिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर बताया है कि पुस्तकें बच गई हैं। इसलिए आगे बताया जाए कि इन पुस्तकों का क्या करना है। लेकिन, यदि विभागीय सूत्रों की मानें तो अभी तक इस पर भी निर्णय नहीं हो पाया है जबकि शिक्षा सत्र बीतने को है।
..अन्यथा व्यर्थ हो जाएंगी पुस्तकें
शिक्षा सत्र 2013-14 समाप्त होने को है। फरवरी माह का आखिरी सप्ताह चल रहा है जबकि मार्च के पहले सप्ताह में परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। स्पष्ट हैं कि विभाग के स्टॉक में बची पुस्तकें बेकार हो जाएंगी। लेकिन जिन विद्यार्थियों को पुस्तकें नहीं मिल पाई, इसकी जिम्मेदारी लेने को कोई भी अधिकारी तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि अब कार्यालयों के बीच पत्र व्यवहार के माध्यम से अधिकारी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालने के प्रयास कर रहे हैं। dj
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