** 14 दिन बाद नौवीं से बाहरवीं तक के बच्चों की वार्षिक परीक्षाएं
** बच्चों ने कहा-पैसे न देने पर स्कूल से पड़ती है डांट
कैथल : डीसी के आदेश भी नहीं और शिक्षा विभाग के आला अफसरों की जानकारी में भी नहीं है कि हर स्कूल के बच्चों से जादू के शो के नाम पर फीस वसूली जाए। न किसी के आदेश हैं और न ही कोई जवाबदेही को तैयार हैं। फिर हर स्कूल से इस शो के नाम पर हजारों रुपए की उगाही हो रही है। अंधेरगर्दी का इससे बड़ा नमूना क्या होगा कि जादूगर अभी तक 50 से अधिक स्कूलों में शो दिखाकर लाखों रुपए कमा चुका है। छात्र इस बोरियत भरे खेल से तो तंग है ही, इस बात से भी चिंतित हैं कि परीक्षा के दिनों में इस खेल के नाम पर उनका बेशकीमती समय खराब किया जा रहा है।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतीश राणा शो की जानकारी होने से इंकार करते हैं तो डीसी साहब जांच कराने की बात कहते हैं। अध्यापक भी बच्चों को घर से पैसे लाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। कक्षा नौवीं से बाहरवीं तक के बच्चों की वार्षिक परीक्षाएं 7 मार्च से शुरू हो रही हैं। जादू के शो के कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। एक स्कूल में जादूगर को दस हजार से 15 हजार रुपए तक एकत्रित हो जाते हैं। इस बारे में न तो सरकारी स्कूलों के हेडमास्टर कुछ कहने को तैयार हैं और न ही शिक्षा अधिकारी। जादूगर स्कूल प्रिंसिपल को एक कागज का टुकड़ा दिखाकर जादू का शो कराने के लिए मजबूर कर रहा है।
हर बच्चे से दस-दस रुपए लिए जा रहे
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल सतीश कक्कड़ ने बताया कि उनके पास जादूगर आरके स्वामी एक पत्र लेकर आया था। यह पत्र 31 जनवरी 2014 को पत्र नंबर ए-3/13/7040 के तहत जारी किया गया है। पत्र के अनुसार नौवीं से बाहरवीं कक्षा के विद्यार्थिर्यों से 10-10 रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से लिए जाने की बात कही है। सरकारी स्कूलों में गरीब घरों के बच्चे पढ़ते हैं। जादूगर ने जिले के स्कूलों में 15 मार्च 2014 तक शो करने हैं।
डीसी बोले- जांच होगी
डीसी एनके सोलंकी ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। स्कूलों में पैसे बटोरना गैर कानूनी है। इस मामले की जांच कराई जाएगी।
पैसे नहीं लूंगा तो विभाग के पास जमा कैसे कराऊंगा
सिरसा से आए जादूगर आरके स्वामी का कहना है कि उसने जिले के 50 स्कूलों में अपने शो किए हैं। प्रत्येक शो के लिए स्कूल के बच्चों से फीस ली जाती है। जिला बाल कल्याण विभाग के पास उसने डेढ़ लाख रुपए जमा कराने हैं। अगर वह बच्चों से पैसे नहीं लेगा तो डेढ़ लाख रुपए कैसे जमा करा सकता है। उसे सोनीपत के सतीश कुमार ने कैथल जिले में शो करने के लिए भेजा है।
सुनिए क्या कहते हैं शिक्षा विभाग के अफसर
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतीश राणा ने कहा कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। अगर किसी अध्यापक ने सरकारी स्कूल में ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करना है तो इसके बारे में शिक्षा विभाग को जानकारी होनी जरूरी है। कक्षा नौवीं से बाहरवीं के विद्यार्थियों की सात मार्च से वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। इन दिनों ऐसे शो बच्चों की पढ़ाई में भी बाधा डालते हैं। बच्चों से दस-दस रुपए एकत्रित करने के मामले में प्रिंसिपल से रिपोर्ट मांगी जाएगी।
पैसा बटोरना उद्देश्य है तो बंद करा देंगे
जिला बाल कल्याण अधिकारी एसके पांचाल ने कहा कि बाल कल्याण फंड के लिए जादूगर से डेढ़ लाख रुपए लेकर स्कूलों में शो करनी की परमिशन दी गई थी ताकि बच्चों को जादू के माध्यम से अंधविश्वास के प्रति जागरूक किया जा सके। जादूगर को इच्छा अनुसार कोई भी अध्यापक या बच्चा पैसा दे सकता है। स्कूलों में अगर पैसा बटोरने के उद्देश्य से जादू दिखाया जा रहा है तो इसे बंद करा दिया जाएगा।
इन दिनों शो कराने उचित नहीं
जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद अंतिल का कहना है कि किसी भी बच्चे से जबरदस्ती पैसे नहीं लिए जा सकते। इन दिनों स्कूलों में जादूगर के शो कराने उचित नहीं है। अगर कहीं शो चल रहे हैं जो इसे तुरंत बंद करा दिया जाएगा। ताकि बच्चों की वार्षिक परीक्षा परइसका कोई बुरा प्रभाव न पड़े। db
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