** राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने कंफर्मेशन के मुद्दे को कई बार उठाया था
** 2008 तक के जेबीटी शिक्षकों को कंफर्म करने वाला प्रदेश का पहला जिला
कुरुक्षेत्र : देर आए लेकिन दुरुस्त आए यह कहावत जिला शिक्षा विभाग पर एकदम फिट बैठती है। देरी से लिए गए विभाग के एक फैसले से सैकड़ों जेबीटी शिक्षकों के घरों में खुशी की लहर फैली। विभाग ने आखिरकार 425 जेबीटी शिक्षकों की कंफर्मेशन पर पत्र क्रमांक ई1-14-1788-94 जारी कर मुहर लगा दी। जिलाभर के जेबीटी शिक्षकों को 1994 के बाद से कंफर्म ही नहीं किया गया था। इससे पहले एक जनवरी को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में 237 जेबीटी शिक्षकों की कंफर्मेशन की गई थी। जिसकी दूसरी लिस्ट बुधवार को आई। इसमें 425 शिक्षकों को कंफर्म कर दिया गया है।
दिलचस्प बात तो यह है कि कई शिक्षक तो बिना कंफर्मेशन के सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। वहीं कई शिक्षक सेवानिवृत्ति की दहलीज पर आकर अब कंफर्म हुए हैं। जेबीटी शिक्षकों ने मामले में हाईकोर्ट 2002 में शिक्षकों को कंफर्म करने के आदेश जारी किए थे। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने कंफर्मेशन के मुद्दे को कई बार उठाया। अब जाकर उनकी मांगों पर कार्रवाई हुई है। अब जिलाभर में केवल वर्ष 2000 में भर्ती हुए शिक्षकों को छोड़कर अन्य सभी को कंफर्म कर दिया गया है। वहीं कुरुक्षेत्र प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है। इसमें वर्ष 2008 तक के सभी जेबीटी शिक्षकों को कंफर्म कर दिया गया है।
रिटायरमेंट से डेढ़ साल पहले कंफर्म हुईं राजरानी
राजरानी को सर्विस करते 20 साल से ज्यादा हो चुके हैं। लेकिन अभी तक वह कंफर्म नहीं हुई थी। विभाग को अब जाकर उनकी सुध आई। उनकी सेवानिवृत्ति में डेढ़ साल ही बचा हुआ है, अब जाकर उन्हें कंफर्मेशन मिली है।
कई जिलों में हुए कंफर्म
विनोद चौहान ने बताया कि करनाल में 50, जींद में 175, हिसार में 250 और गुडग़ांव में 70 शिक्षकों को कंफर्म किया गया था। इसकी कॉपी उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी थी। इसके अलावा सर्विस नियमों की कॉपी भी सौंपी गई। जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा था कि जिला शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर शिक्षकों को कंफर्म कर सकता है। चौहान ने बताया कि बिना कंफर्मेशन के शिक्षकों की नौकरी और सुविधाओं पर तलवार लटक रही थी। उन्होंने बताया कि अन्य पूरे प्रदेश में वर्ष 2000 से पहले नियुक्त शिक्षक ही कंफर्म हो पाए थे। वहीं कुरुक्षेत्र पहला जिला है जहां पर 2008 तक लगे सभी जेबीटी शिक्षकों को कंफर्मेशन का लाभ मिला है।
कमेटी ने लिस्ट फाइनल की
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में मंगलवार सुबह से ही लिस्ट को तैयार कर जारी करने की कवायद शुरू की गई। कमेटी में राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान विनोद चौहान, राजेश, चमनलाल, रमेश सिरसला और प्राचार्य भजन सिंह राठौर शामिल थे।
शिक्षकों को उनका हक दिया
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने कहा कि उन्होंने शिक्षकों को उनका हक दिया है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार जिस शिक्षक की कंफर्मेशन होनी थी, उन सभी की कंफर्मेशन कर दी गई है।
ये हैं कंफर्मेशन के लाभ
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के सचिव सूबे सिंह सुजान ने बताया कि शिक्षकों को कंफर्म होने के बाद कई लाभ मिलते हैं। इनमें बैंक से सरकारी कर्मचारी होने के नाते मिलने वाला लोन शामिल है। इसके अलावा बैंक में लोन के लिए कंफर्म शिक्षक की गवाही ही चलती है। इतना ही नहीं कंफर्म शिक्षक को सरकार निकाल नहीं सकती। अगर विभाग भी बंद होता है तो उसे सर्विस नियम के तहत एडजस्ट करने का प्रावधान है। बिना कंफर्मेशन के शिक्षकों या कर्मचारियों पर कभी भी गाज गिर सकती है। ऐसे में शिक्षकों या किसी भी सरकारी कर्मचारी के लिए कंफर्म होना बेहद जरूरी है। कंफर्म होने वाले शिक्षक अमरजीत सिंह, गणेश शर्मा, बलकार सिंह और राजरानी ने बताया कि उन्हें कंफर्मेशन मिलने की बहुत खुशी है।
यह है कंफर्मेशन का नियम
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान विनोद चौहान ने बताया कि सर्विस नियम के अनुसार दो साल के बाद शिक्षकों को कंफर्म किया जाना चाहिए। बशर्ते शिक्षक के खिलाफ किसी तरह की विभागीय कार्रवाई न की जा रही हो। सर्विस नियमों में कंफर्म करने की शक्ति जिला शिक्षा अधिकारी को दी गई है। चौहान ने बताया कि कई शिक्षक तो 1990 में नियुक्त हुए थे, जिन्हें कंफर्म किया गया है। इसके बाद से अब तक शिक्षकों को कंफर्म ही नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि अब शिक्षकों को उनका हक मिला है। जिससे पूरे शिक्षक वर्ग में उत्साह है। db
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