हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता व कर्मचारी विरोधी नीतियों की खुलकर मुखालफत करने का निर्णय लिया है। इसके तहत 21 फरवरी को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।संघ के पूर्व राज्य सचिव कृष्ण कुमार निर्माण, जिला प्रधान बलराज सिंह व सचिव महाबीर पोपड़ा ने कहा कि 2012 के सर्विस रूलों में से तानाशाही रूलों को तत्काल निरस्त करके पदोन्नति का रास्ता साफ करवाना। सर्विस रूल 2012 एक तरह का तुगलकी फरमान है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने मांग की कि प्राचार्य पदोन्नति में एमए की शर्त, प्राध्यापक (पीजीटी) की पदोन्नति में विषय अनिवार्यता व बीएड की शर्त को तत्काल सर्विस कल से निरस्त करके संशोधित पत्र जारी किया जाए। ताकि अध्यापकों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो।
उन्होंने कहा कि रूल थोपा जाना संवैधानिक परंपराओं का हनन है, यदि कोई नया रूल बनता है तो वह रूल बनने वाली तिथि के बाद वालों पर ही लागू होता है जबकि शिक्षा विभाग ने तानाशाही तरीके से सर्विस रूल 2012 को 1987 से लेकर 2011 तक के अध्यापकों पर लागू करके अंग्रेजी मानसिकता का परिचय दिया है। अध्यापक प्रतिनिधियों ने इन रूल को निरस्त किए जाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन तेज होगा। djkrnl
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