हरियाणा स्कूली शिक्षा विभाग के नए फरमान से प्रदेशभर के 4823 शारीरिक शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई है। नए नियमों के तहत डीपीई से काम तो स्कूल प्राचार्य लेगा लेकिन उसके कार्य का मूल्यांकन मिडिल हेड करेगा। शिक्षा विभाग के दोहरे मापदंड से प्रदेशभर के डीपीई पीटीआई नाराज हैं। 4 जुलाई को प्रदेश के सरकारी स्कूलों में एपीएआर (एनुवल प्रोग्रेस एप्रेजल रिपोर्ट) जेबीटी से लेकर प्राचार्य तक सभी ने भरी थी लेकिन शारीरिक शिक्षकों ने इस रिपोर्ट को अपने पास ही रख लिया है। दरअसल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ही डीपीई की नियुक्ति की जाती है। यह शिक्षक कक्षा नौंवी- दसवीं, 11वीं-12वीं के विद्यार्थियों को खेल गतिविधियों से अवगत कराने के साथ उन्हें प्रशिक्षण भी देते हैं। सुबह दोपहर के सत्र में होने वाली प्रार्थना सभा, पीटी, अनुशासन शारीरिक शिक्षा को पढ़ाने का जिम्मा इन्हीं शिक्षकों के हवाले होता है। यही शिक्षक सभी विद्यालय के प्राचार्य की मॉनिटरिंग में आते हैं, लेकिन अब विभाग ने डीपीई की एपीएआर भरने के कार्य में मूल्यांकन का कार्य मिडिल हेड को सौंप दिया है। जो अधिकारी डीपीई के कार्य को देखता ही नहीं है तो वह कैसे उनके कार्य का आंकलन कर पाएगा। जबकि पीटीआई पहली से 8वीं कक्षा के लिए नियुक्त किए जाते हैं। प्रदेश में इस समय 1087 डीपीई 3736 पीटीआई कार्यरत हैं।
"हां शायद कुछ दिक्कतें डीपीई के सामने रही हैं। इसी कारण डीपीई पीटीआई ने एपीएआर नहीं भरे हैं। सभी शिक्षकों को एपीएआर भरने जरूरी हैं, उसी के आधार पर उनका मूल्यांकन किया जाना है।"--धर्मवीर कादियान, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी।
एपीएआर में खेलों से संबंधित कोई कॉलम नहीं
बतायाजा रहा है कि शिक्षा विभाग की ओर से भरवाई गई एपीएआर में खेलों से संबंधित कोई कॉलम नहीं है। जबकि पिछले साल तक भरवाई जा रही एसीआर में खेलों का कॉलम दिया गया था। इसी कारण प्रदेशभर में ज्यादातर पीटीआई डीपीई ने अपनी एपीएआर नहीं भरी हैं।
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