** मनमानी : मास्टर लेक्चरर आपसी गुटबाजी के चलते नहीं पढ़ा रहे बच्चों को
** अभिभावकों की शिकायत पर जिला परिषद चेयरमैन पहुंचे जांच करने
** जिला शिक्षा अधिकारी को भी बुलाया मौके पर
ज्योतिसर : ज्योतिसर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नौवीं और 10वीं की कक्षाएं रामभरोसे चल रही हैं। स्कूल के मास्टर और लेक्चरर की आपसी तनातनी की सजा विद्यार्थियों को भुगतनी पड़ रही है। नौवीं और 10वीं कक्षा को ना तो मास्टर पढ़ा रहे हैं और ना ही स्कूल लेक्चरर, जिसके चलते विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। यह स्थिति एक स्कूल की नहीं बल्कि जिलाभर के कई राजकीय स्कूलों की है। ज्योतिसर स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों ने सोमवार को जिला परिषद चेयरमैन प्रवीण चौधरी को इसकी शिकायत दी, जिसके बाद चेयरमैन मामले की जांच करने के लिए ज्योतिसर स्कूल में गए। उन्होंने मौके पर ही जिला शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य को भी बुलाया।
4 महीने से नहीं आए अध्यापक :
छात्रा अंजू, मंजू, ज्योति और सपना ने बताया पिछले चार महीने से कोई भी अध्यापक उनको पढ़ाने कक्षा में नहीं रहा। स्कूल में नौवीं और 10वीं कक्षाओं में आसपास के चार गांवों के 156 विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। ज्योतिसर गांव के सरपंच बाबू राम रावगढ़ के सरपंच ऋषिपाल ने बताया कि हमारे बच्चे अध्यापकों की आपसी गुटबाजी का शिकार हो रहे हैं। जिसका सीधा असर इनकी पढ़ाई पर पड़ रहा है। चार महीने से जब बच्चों को पढ़ाया ही नहीं गया तो बच्चे आने वाले पेपरों में क्या लिखेंगे।
बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ :
बच्चोंके अभिभावकों ने अध्यापकों के इस कारनामे का खुलकर विरोध किया। अभिभावकों ने शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। रावगढ़ के नरेश ने बताया कि इसी समस्या के चलते तीन महीने पहले उसने अपने बेटे का दाखिला अपनी हैसियत से ऊपर होकर एक प्राइवेट स्कूल में कराया। अध्यापकों ने ही उसे कहा था बच्चा होशियार है, अगर इसका भला चाहते हो तो किसी ओर स्कूल में करा दो। उन्होंने कहा कि अगर राजकीय स्कूलों में पढ़ाई ही नहीं करानी है तो स्कूलों को बंद कर दिया जाना चाहिए।
बैठक में भिड़े थे शिक्षक :
सीएमसी सदस्य राजकुमार राठी, कृष्ण कुमार, ईश्वर राणा और पंच मनोज ने बताया कि जब बच्चों ने अपने अभिभावकों को कक्षाओं में अध्यापकों के आने की बात बताई तो गांव की पंचायत और सीएमसी सदस्यों ने मिलकर शुक्रवार को स्कूल में अध्यापकों के साथ बैठक की, जिसमें बच्चों की कक्षाओं में अध्यापकों के जाने का सवाल उठाया गया। इस सवाल का जवाब देने की बजाए कुछ अध्यापकों और लेक्चरर आपस में ही भिड़ गए।
लेक्चरर को दिया है टाइम टेबल
मामलेमें ज्योतिसर स्कूल की प्राचार्य रश्मि देवी बेबस नजर आई। उनका कहना था बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने सभी लेक्चरर को लिखित में टाइम टेबल दिया हुआ है। जिसे मानने से सभी लेक्चरर ने मना कर दिया। इसकी सूचना उन्होंने आलाधिकारियों को भी दी हुई है।
लापरवाही नहीं होगी सहन :
जिला परिषद चेयरमैन प्रवीण चौधरी ने कहा कि स्कूल में हो रही इस प्रकार की गुटबाजी से अगर बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होगा तो उसे सहन नहीं किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने अगर इस मामले को नहीं सुलझाया तो इस बात की शिकायत आला अधिकारियों को की जाएगी।
होगी सख्त कार्रवाई
जिलाशिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने कहा कि इस मामले का पता लगते ही उन्होंने ज्योतिसर स्कूल का दौरा किया है। सभी शिक्षकों को स्पष्ट कर दिया है कि उनका काम पढ़ाना है जो उन्हें करना ही होगा। अगर किसी शिक्षक ने पढ़ाने से इंकार किया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। dbkkr
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