रोहतक : अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने सरकार के साथ अब आर-पार की लड़ाई का एलान किया है। महासंघ अब 18 जुलाई को राज्य स्तरीय जेल भरो आंदोलन करेगा। ये जानकारी मंगलवार को हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कंवर सिंह यादव ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि जिन मांगों को राज्य सरकार ने पहले के आंदोलन में मान लिया था, उन्हें भी लागू करने में बहाने बना रही है। इस स्थिति में कर्मचारियों के सामने आंदोलन के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार के पास अभी भी बातचीत करने का समय है।
सरकार चाहे तो 18 जुलाई के पहले तक संघ की मांगों पर विचार करने के लिए हमसे बात कर सकती है। महासंघ के राज्य महासचिव वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने कहा कि सरकार जनहित से जुड़े विभागों में ठेकेदारी प्रथा जारी कर विभाग और कर्मचारी दोनों का अहित कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकारी विभागों में लाखों पद खाली पड़े हैं, जिससे जनता का हित भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार 17 जुलाई तक मांगों को पूरा नहीं करती तो 18 को प्रदेशभर के कर्मचारी जेल भरो आंदोलन में शामिल होकर गिरफ्तारियां देंगे। इस मौके पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा, मुख्य संगठन सचिव कुलभूषण शर्मा, वित्त सचिव दिलबाग सिंह अहलावत, प्रदेश सचिव बिजेंद्र बैनीवाल, जिला प्रधान जोगेंद्र बलहारा जिला सचिव बिजेंद्र गुलिया ने भी अपने विचार रखे। सभी ने जींद में अनशन पर बैठे अध्यापक नेता राजेश खरब के गिरते स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार द्वारा मांग पूरा नहीं करने की निंदा की।
हरियाणा कर्मचारी महासंघ की मुख्य मांग
- कर्मचारियों को बिना शर्त उनकी नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए।
- पंजाब के समान वेतन तथा केंद्र के समान भत्ते दिए जाएं।
- सभी प्रकार के वेतन विसंगतियों दूर हो, रिक्त पदों पर स्थाई पक्की भर्ती की जाए।
- बिजली की फ्रेंचाइजी तथा परिवहन के 3,519 प्राइवेट रूट परमिट वाले नीति को तुरंत रद्द किया जाए।
- बिजली निगम के 46 कर्मचारियों पर दर्ज केस को वापस लिया जाए।
- 26 फरवरी 2014 को जिस मांग पत्र पर सहमति बनी थी, उसे लागू किया जाए। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.