पंचकूला : वैसे तो हर बार ही विधानसभा चुनाव से पहले धरनों का "मेला' जरूर लगता है, मगर इस बार मेले में कुछ ज्यादा ही रौनक है। इसे चाहे स्टेट सरकार के बदलने के आसार कहें या केंद्र सरकार के बदलने का असर। हर दिन कोई कोई नया संगठन यहां प्रदर्शन के लिए जुटा रहता है और अपनी मांगें प्रशासन के सामने रखता है।
मंगलवार को शहर में कुल 6 धरने हुए, जिनमें से तीन लंबे समय से लगातार चल रहे हैं और 3 संगठन मंगलवार को ही अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। कर्मचारियों का आरोप हैं कि अफसर सुनते हैं, आश्वासन देते हैं, लेकिन होता कुछ नहीं।
1. राजकीय प्राथमिक शिक्षा संघ :
राजकीयप्राथमिक शिक्षक संघ का धरना हुआ। इसमें प्रदेशभर से ५०० से अधिक शिक्षक मौजूद रहे। प्राथमिक स्कूलों में सुविधाएं देने और शिक्षक-छात्र अनुपात में बदलाव करने जैसी १२ मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम विभाग को ज्ञापन दिया।
2. मास्टर ट्रेनर :
फिक्ससेलरी की मांग को लेकर मास्टर ट्रेनर 19 दिनों से धरने पर हैं। वे अपनी भूख हड़ताल को आमरण अनशन में बदल चुके हैं। बावजूद इसके अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। मास्टर ट्रेनरों का कहना है कि मांग पूरी होने तक संघर्ष को खत्म नहीं होने देंगे।
3. अध्यापक संघ :
हरियाणाप्रांत अध्यापक संघ के प्रधान स्वतंत्र रोहिला ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 10 नवंबर को गोहाना रैली के दौरान एडिड स्कूलों के समस्त स्टाफ को सरकारी स्कूलों में समायोजित किए जाने की घोषणी की, जो अधर में है।
4. डीम्ड यूनिवर्सिटी के पीजीटी :
34दिन से नियुिक्त पत्र की मांग को लेकर धरने पर बैठे डीम्ड यूनिवर्सिटी के पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) की सुनवाई नहीं हुई है। सरकार दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया चलने का तर्क दे रही है।
5. भूख हडताल पर अनुभवी पीजीटी :
िनयुिक्तपत्र जारी करने की मांग को लेकर अनुभव आधार पर चयनित पीजीटी अभ्यर्थियों का धरना 50वें दिन भी जारी रहा। सीएम ने 1 जुलाई तक ज्वाइनिंग लेटर जारी किए जाने की आश्वासन दिया गया था।
6. एआई वर्कर्स वेलफेयर एसोसिएशन :
पशुपालन डेयरी विभाग के मुख्य कार्यालय के सामने एसोसिएशन ने प्रर्दशन किया। प्रदेश में ११४५ कर्मचारी सरकार द्वारा चलाई योजना में कार्यरत हैं, जिन्हें नियमत वेतनमान नहीं दिया जा रहा। db
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