पीजीटीकी भर्ती में शॉर्ट लिस्टिंग के कारण बाहर हुए अचयनित पात्र अध्यापकों की एक मंडल स्तरीय बैठक रविवार को मधुबन पार्क में हुई। बैठक की अध्यक्षता पात्र अध्यापक संघ के प्रदेश संयोजक हिसार जिलाध्यक्ष पवन चमारखेड़ा ने की। बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि पात्र अध्यापक चार साल के अनुभव वाले चयनित अध्यापकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कड़ी चुनौती दी जाएगी। हिसार, भिवानी, फतेहाबाद, सिरसा जींद से भारी संख्या में पहुंचे पात्र अध्यापकों को संबोधित करते हुए संघ के कोषाध्यक्ष सतीश श्योराण ने कहा कि सरकार ने नए सर्विस रूल में तुष्टिकरण की नीति को अपनाते हुए चार साल वाले अनुभव प्राप्त उम्मीदवारों को शिक्षक पात्रता परीक्षा से छूट प्रदान कर दी थी। जिसे एनसीटीई ने भी सरकार को पत्र लिखकर गलत ठहराया था। परंतु सरकार ने इसे नजरअंदाज किया। जिसके चलते उम्मीदवारों की संख्या कई गुणा बढ़ गई। जिसका खामियाजा पीजीटी हिंदी, इतिहास, कॉमर्स राजनीति शास्त्र के पात्रता पास उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्टिंग में भुगतना पड़ा। बरवाला के शम्मी आनंद ने कहा कि दिन रात कड़ी मेहनत करके पात्रता परीक्षा पास करने पर भी उन्हें साक्षात्कार से भी वंचित कर दिया गया, जबकि चार बार लगातार परीक्षा में फेल होने वाले उम्मीदवारों का चयन भी हो गया। इस अवसर पर टीजीटी के खाली पदों की भर्ती का विज्ञापन जारी करने के केस की नवीनतम जानकारी भी दी तथा जेबीटी पात्र अध्यापकों से एकजुट रहने को कहा ताकि पीआरटी भर्ती का परिणाम आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले जारी करवाया जा सके। dbhsr
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