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Saturday, 12 July 2014

अब नहीं डरेंगे बच्चे, स्कूलों में कायम होगा दोस्ताना माहौल

** बुलिंग रोकने के साथ बच्चों की गतिविधियों को आंकने के लिए सीबीएसई ने शुरू किया सर्वे 
सीबीएसईस्कूलोंमें दोस्ताना माहौल कायम करने बच्चों की गतिविधियों को आंकने के लिए लिए सेंट्रल बोर्ड आॅफ सेकेंडरी एजूकेशन ने अपना खास ध्यान दिया है। स्कूल परिसर क्लास रूम में बच्चों को कोई डराए, धमकाए या सताए नहीं। इसके लिए सीबीएससी ने पहल की है। 
विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनके मन से किसी भी तरह के डर को निकालने स्कूलों की वास्तविक स्थित को जानने के लिए सीबीएसई की ओर से एक सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे में प्रिंसिपल, काउंसलर्स और टीचर्स के साथ छात्रों को भी शामिल किया गया है। 
बुलिंग की लगातार बढ़ती शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सीबीएसई ने यह पहल शुरू की है। बोर्ड ने वेबसाइट पर ऑनलाइन प्रश्नावली भी जारी कर दी है। इसके अनुसार इंटरनेट पर एक्टिव करीब 50 फीसदी से अधिक बच्चे बुलिंग के शिकार हैं। बच्चों की इंटरनेट पर सक्रियता को देखते हुए सीबीएसई इस पर नजर रखना चाहती है। जरूरत के मुताबिक गाइडलाइन दी जा रही हैं।
सर्वे में बच्चों की एक्टीविटी पर ध्यान
सीबीएसई स्कूलों में बच्चों से प्रश्न पूछे जा रहे हैं। बच्चों के माता-पिता से बातचीत कर छोटी-छोटी एक्टीविटीज पर ध्यान दिया जा रहा है। अधिकतर स्कूलों ने कमेटी बनाकर टीचरों को जिम्मा सौंपा है। क्लास में बच्चों से बुलिंग रोकने को लेकर सवाल किए जा रहे हैं। शिकायत मिलने पर इसे रोका जा रहा है। अभिभावक भी बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं।
बुलिंग से ये होती है दिक्कत 
बुलिंग के कारण बच्चों में चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन की प्राॅब्लम आने लगती है। इसी कारण वे अपने मन की बात किसी से कह नहीं पाते हैं। सेल्फ वर्क की फीलिंग कम हो जाती है और उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता है। 
क्या है बुलिंग 
स्कूलोंमें स्टेटस से लेकर आर्थिक स्तर या दूसरी तरह से किसी को नीचा दिखाने, दबंग बनना, डराने, धमकाने बदमाशी करने की घटना, गाली-गलौच करना, यह बुलिंग का हिस्सा होती है। अपनी शारीरिक क्षमता, उम्र, सोशल स्टेटस या जानकारी का फायदा उठाकर किसी को शारीरिक रूप से, मौखिक, अप्रत्यक्ष या साइबर के जरिए धमकाना, प्रताड़ित करना। यह समूह या व्यक्तिगत दोनों ही स्तर पर हो सकता है, भी बुलिंग है। 
ये जानकारी मांगी
प्रश्नावली में स्कूलों में स्टूडेंट्स को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने, टीचिंग, क्लासमेट को लेकर गॉसिप या अफवाह फैलाने, परेशान करने वाले के नाम से बुलाने जैसे ट्रेड पर जानकारी मांगी है। यह घटनाएं कहां ज्यादा होती हैं। 
सीबीएसई की पहल प्रशंसनीय : कोहली 
पुलिस डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल विकास कोहली ने बताया कि बुलिंग संबंधी समस्याओं को रोकने के लिए सीबीएसई की पहल प्रशंसनीय है। गाइडलाइन के अनुसार एक काउंसलर नियुक्त है। सर्वे कराया जा रहा है।                               dbambl 


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