** बोर्ड व सरकार को नोटिस, अगली सुनवाई 8 सितंबर को
हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा हाल ही में की गई पीजीटी हिंदी की भर्ती प्रक्रिया पर खतरे के बादल मंडरा सकते हैं। बोर्ड ने ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया है, जिनके नंबर शैक्षणिक योग्यता के आधार पर कम बनते हैं और चयन साक्षात्कार में ज्यादा अंक देकर कर दिया गया। शैक्षणिक योग्यता में ज्यादा अंक वालों को साक्षात्कार में कम अंक देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 8 सितंबर को तय की है।
हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड ने सात जून 2012 को विज्ञापन संख्या 1/2012 द्वारा पीजीटी हिंदी के लिए आवेदन मांगे थे, जिसकी भर्ती सीधे साक्षात्कार के आधार पर हुई थी और चयनित उम्मीदवारों का अंतिम परिणाम एक जनवरी 2014 को घोषित किया था।
भर्ती के लिए कुल 100 अंकों का मापदंड अपनाया गया था, जिसमें शैक्षणिक योग्यता के 67 अंक और साक्षात्कार के 33 अंक थे। इन्हीं 33 साक्षात्कार के अंकों के आधार पर हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड अपने चहेतों का चयन कर दिया। जिन उम्मीदवारों के शैक्षणिक योग्यता में 27 से 30 अंक बने थे, उनको साक्षात्कार में 33 में से 26 से 29 अंक देकर उनका चयन कर दिया गया, लेकिन जिन उम्मीदवारों के शैक्षणिक योग्यता में 30 से 41 तक अंक थे, उनको साक्षात्कार में नौ से 15 अंक देकर बाहर का रस्ता दिखा दिया यानी उनका चयन नहीं किया गया। जींद के लजवाना खुर्द गांव निवासी निर्मला देवी, हांसी निवासी बलविंदर सिंह और गुड़गांव के हैली मंडी तहसील पटौदी के सुनील प्रकाश ने साक्षात्कार के 33 अंकों को हाईकोर्ट में 6 अगस्त को याचिका डालकर सीडब्ल्यूपी नंबर 15505/2014 द्वारा चुनौती दी गई है।
याचिका में 39 उन चयनित उम्मीदवारों के चयन को चुनौती दी है, जिनके शैक्षणिक योग्यता में 27 से 30 अंक है और साक्षात्कार में उन्हें 26 से 29 अंक देकर उनका चयन कर दिया है। याचिकाकर्ता निर्मला देवी के शैक्षणिक योग्यता में 35.07, बलविंदर सिंह के 36.63 और सुनील प्रकाश के 31.8 अंक है।1 लेकिन साक्षात्कार में कम अंक देकर उनका चयन नहीं किया गया। हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड के चयन में भेदभाव के रवैये के कारण ही निर्मला देवी, बलविंदर सिंह व सुनील प्रकाश ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों को आधार बनाकर माननीय पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
ये हैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले
10 मई 1985 अशोक कुमार यादव बनाम हरियाणा सरकार के फैसले के अनुसार 100 अंकों के भर्ती मापदंडों में साक्षात्कार के अंक 12.2 से ज्यादा नही होने चाहिए। यह फैसला हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के खिलाफ एचसीएस भर्ती में दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के अशोक कुमार यादव के फैसलों को आधार बनाकर एक के बाद एक सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले आ चुके हैं। हाल ही में सन 2011 में 30 मार्च को भी सुप्रीम कोर्ट ने सिविल अपील नंबर 2714/2005 का फैसला अशोक कुमार यादव के फैसले को ही आधार बनाकर दिया है। इसमें डी. सुरेंद्र राजू ने कर्नाटक हाईकोर्ट बैंगलोर में 10 मई 1985 अशोक कुमार यादव बनाम हरियाणा सरकार के फैसले को आधार बनाकर साक्षात्कार के अंकों को डब्ल्यूपी नंबर- 19516/2004 द्वारा चुनौती दी थी और कर्नाटक हाईकोर्ट ने डी. सुरेंद्र राजू के पक्ष में फैसला दिया था और कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को दी डायरेक्टर जनरल, इंडियन काउंसिल फार एग्रीकल्चर रिसर्च व अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और दी डायरेक्टर जनरल, इंडियन काउंसिल फार एग्रीकल्चर रिसर्च व अन्य पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया और जुर्माना हर्जाने के रूप में डी सुरेंद्र राजू को चार सप्ताह में देने को कहा। djjind
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