करीब तीन साल पहले प्रदेश के दस जिलों में भारत साक्षर मिशन क्रियांवित किया गया था। पंचायत स्तर पर प्रेरकों की भर्ती कंप्लीट हो गई। प्रेरकों द्वारा अक्षर ज्ञान प्राप्त लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। किंतु उन्हें पढ़ाने के लिए वालियंटर अध्यापक उपलब्ध नहीं हो रहे। जिससे प्रभावित योजना कागजी कार्रवाई में उलझ कर रह गई।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा 2007 में आरटीई विधेयक पारित किया गया था। विधेयक में 6-14 साल के बच्चों को सर्वशिक्षा अभियान इससे अधिक उम्र के लोगों को भारत साक्षर मिशन के तहत पढ़ाने की व्यवस्था की गई थी। योजना को अमलीजामा पहनाते हुए सरकार द्वारा प्रदेश जिला स्तर पर भारत साक्षर मिशन के कार्यालय खोले गए हैं। बिना पढ़े-लिखे लोगों की सूची पंचायत स्तर पर बनाकर उन्हें साक्षर करने की मुहिम जारी है। मुहिम के तहत ब्लॉक स्तर पर प्रेरक,वालियंटर शिक्षक कॉर्डिनेटर के पद सेंक्शन हैं। अक्टूबर 2012 को प्रत्येक पंचायत में दो प्रेरक भर्ती कर दिए गए।
ऐसी महंगाई में मुफ्त कार्य संभव नहीं
प्रदीप कुमार धोलेड़ा,अश्वनी शर्मा, यादराम, सुरेंद्र कमानियां,हरिराम नसीर, सुनील कुमार, गौरव समेत कई युवाओं ने बताया कि प्रेरकों को प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। जिनका कार्य शिक्षा से वंचित लोगों को जागृत करना है। वालियंटर शिक्षकों द्वारा प्रेरित लोगों को साक्षर किया जाएगा। शिक्षकों को मानदेय देने की व्यवस्था नहीं की गई।
योजना में स्वरोजगार की व्यवस्था
अक्षर ज्ञान प्राप्त लोगों को भारत साक्षर मिशन में रोजगारोंमुखी शिक्षा देनी अनिवार्य की गई है। इसमें आचार,मुरब्बा,सिलाई,कंप्यूटर आदि की पढ़ाई शामिल है। विभाग का तर्क है कि बिना पढ़े-लिखे लोग रोजगार के अभाव में हीन भावना से ग्रस्त हो जाते हैं।
प्रेरकों को नहीं मिल रहा मानदेय
प्रेरकों के लिए 2 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय निर्धारित है। मानदेय ज्वाइनिंग तिथि से लागू हो गया। किंतु अधिकांश प्रेरकों को पिछले कई महीनों से मेहनताना नहीं मिल रहा। विभिन्न पंचायतों के प्रेरकों ने बताया कि विभागीय निर्देशानुसार बुनियादी साक्षर परीक्षा एवं प्रेरित प्रक्रिया में जुटे हुए हैं। मानदेय नहीं मिलने के कारण उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अव्यवस्थाओं से योजना प्रभावित: जिला कॉर्डिनेटर
भारत साक्षर मिशन के जिला कॉर्डिनेटर सुरेश चौधरी ने बताया कि बिना वेतन के वालियंटर शिक्षकों को कार्य करना संभव नहीं है। अथक प्रयासों के बाद करीब 70 वीटी उपलब्ध हुए हैं। जबकी पंचायत स्तर पर दो नियुक्ति अनिवार्य है। उच्चाधिकारियों को स्थिति से अवगत करवा दिया गया। प्रेरकों को मानदेय मुहैया करवाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई। जल्द उनके बैंक अकाउंट में मानदेय राशि जमा हो जाएगी। dbनांगल चौधरी rwd 5814
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