रोहतक : प्रमोशन कोटा 13 प्रतिशत घटाए जाने के विरोध में रविवार को प्रदेशभर के कक्षा 6 से 8 तक के मास्टरों ने हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के बैनर तले इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किया। दोपहर 12 बजे से छोटूराम धर्मशाला में इकट्ठा होने के बाद मास्टर जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए सीएम आवास की तरफ रवाना हो गए, जहां पुलिस ने उन्हें मानसरोवर पार्क पर बैरियर लगाकर रोक लिया। इस दौरान मास्टरों की पुलिस से झड़प हुई, लेकिन बात बनती देख वे सड़क पर धरना देकर बैठ गए। आधे घंटे बाद कलानौर नायब तहसीलदार द्वारा 3 सितंबर को चंडीगढ़ आवास पर सीएम से मिलने का लिखित आश्वासन मिलने के बाद मास्टरों ने प्रदर्शन समाप्त किया। मास्टरों का कहना है कि अगर सीएम के साथ बैठक में बात नहीं बनी तो 5 सितंबर से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें
छोटूराम धर्मशाला में हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन राज्य प्रधान रमेश मलिक ने बताया कि छह वर्षों से अभी तक मास्टर से पीजीटी पद पर प्रमोशन नहीं किया गया है। 25 अगस्त को हुई बैठक में सरकार ने हेडमास्टर से प्रिंसिपल के पद का कोटा 33 से 20 प्रतिशत कर दिया गया, जबकि हमारी मांग यह कोटा बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की थी। मास्टर से पीजीटी पर पदोन्नति बिना शर्त की जाए। राज्य महासचिव विकास शर्मा ने हेडमास्टरों को आहरण-वितरण अधिकार, द्वितीय श्रेणी का दर्जा 5400 ग्रेड पे दिए जाने तथा एसीपी को निदेशालय से नहीं, बल्कि जिलास्तर से जारी करने की मांग है।
गांवों में बांटे जाएंगे एक लाख पोस्टर
मास्टरों ने कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ एक लाख पोस्टर छपवाकर हर गांव में बांटे जाएंगे। रोहतक जिला प्रधान राकेश नरवाल ने बताया कि पोस्टर बंटवाने के अलावा प्रत्येक ब्लॉक में 5 सितंबर से सभाओं का आयोजन कर सरकार की कर्मचारी जनविरोधी नीति उजागर कि जाएंगी।
प्रशासन के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास
जिला प्रशासन की तरफ से मास्टरों को धरना-प्रदर्शन करने के लिए स्थान नहीं दिया गया, जिसके चलते शिक्षकों को छोटूराम धर्मशाला में बैठक करनी पड़ी। पुलिस द्वारा रोकने पर करीब आधे घंटे तक सड़क पर धरना दिया। प्रदर्शन के लिए जगह देने के कारण सभी शिक्षकों ने काला दिवस करार देकर प्रशासन के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया। db
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