चंडीगढ़ : नव चयनित प्राथमिक शिक्षकों को अपनी नियुक्ति खटाई में पड़ती दिखाई दे रही है। इन शिक्षकों की अभी तक मैरिट लिस्ट जारी नहीं हो पाई है। आचार संहिता लगने से पहले नियुक्ति प्रक्रिया में पेंच फंसता नजर आ रहा है।
प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के दौरान जिन उम्मीदवारों का चयन नहीं हो पाया है, वह अपने वकील के माध्यम से अध्यापक चयन बोर्ड को अवमानना नोटिस थमा चुके हैं। इतनी बड़ी भर्ती के परिणाम घोषित होने के बाद राज्य सरकार जहां इसका राजनीतिक फायदा लेने की सोच रही है, वहीं आचार संहिता लगने से पहले यदि शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति व मैरिट लिस्ट को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो शिक्षक आंदोलन की राह पर उतर सकते हैं। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के मुख्य सचिव सुनील बास के अनुसार राज्य सरकार जानबूझ कर नव चयनित प्राथमिक शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशान कर रही है। सरकार नहीं चाहती कि यह अध्यापक अपने पदों पर नियुक्त हो पाएं। राज्य में सामान्य चुनाव आचार संहिता कभी भी लागू हो सकती है और सरकार व विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं ताकि कुछ समय बाद आचार संहिता का बहाना लगाकर नियुक्ति पत्र देने में आनाकानी की जा सके।
मुख्य सचिव के अनुसार एचएसटीएसबी ने इतने लंबे अरसे बाद भर्ती का परिणाम घोषित किया, जिससे उम्मीदवारों को शिक्षक बनने का सपना साकार होता दिखाई दिया, परंतु बोर्ड ने सौतेला व्यवहार करना शुरू कर दिया। परिणाम घोषित होने के बाद बोर्ड ने मैरिट लिस्ट अपलोड करने की बजाय अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर चयनित शिक्षकों को जिला आवंटित कर दिया। भर्ती में शामिल रहे सभी की मैरिट लिस्ट जारी करने के संबंध में हाईकोर्ट की हिदायतें आ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक भर्ती बोर्ड और सरकार ने कोई उचित कदम नहीं उठाया तो मंगलवार को आंदोलन का ऐलान कर दिया जाएगा। dj
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