** विज्ञान-तकनीकी मंत्रलय का फैसला
नई दिल्ली : देश के वैज्ञानिक अब केवल प्रयोगशालाओं में ही विज्ञान की गुत्थी सुलझाते नहीं दिखेंगे। जल्द ही उन्हें स्कूल और कॉलेजों में विज्ञान के विद्यार्थियों के बीच ज्ञान बांटते हुए देखा जा सकता है। शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से प्रेरित होकर सरकार ने इस आशय का फैसला लिया है। विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार मंत्रलय से जुड़े पांच हजार से अधिक वैज्ञानिकों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे अपने शोध, अनुसंधान के काम के अलावा स्कूल, कालेजों में भी पढ़ाएं।
सिंह ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि विभाग से जुड़े हर वैज्ञानिक के लिए यह अनिवार्य है कि वह महीने में कम से कम 12 घंटे क्लास जरूर ले। वह अपने विभाग की सौ दिनों की उपलब्धियां गिनाने के लिए पत्रकारों से मुखातिब थे।
बकौल सिंह, ‘मुङो यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि सभी वैज्ञानिकों के लिए स्कूल, कॉलेजों में लेक्चर देना अनिवार्य कर दिया गया है। भारत जैसे देश में यह एकदम नया प्रयोग है।’ उन्होंने कहा कि इस काम के लिए वैज्ञानिकों को कोई भी मानदेय नहीं दिया जाएगा, यह उनके कार्य का हिस्सा होगा। विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री के अनुसार, ‘जल्द ही मानव संसाधन विकास मंत्रलय से चर्चा कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कैसे मंत्रलय से जुड़े विज्ञान व तकनीकी विभाग और वैज्ञानिक तथा औद्योगिक परिषद के वैज्ञानिकों को शैक्षणिक कार्य में इस्तेमाल किया जाए।’जितेंद्र सिंह। dj
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