चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार की ओर से एचसीएस (एग्जीक्यूटिव) की विशेष भर्ती में आरक्षण न रखने पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी।
महेंद्रगढ़ के डॉ. रामपाल शास्त्री ने एडवोकेट चंद्र सिंह कौशिक एवं भानू शर्मा के माध्यम से याचिका दायर की थी। याचिका में कहा कि पिछले साल 16 सितंबर को एचसीएस के (एग्जीक्यूटिव शाखा) के 20 पद विशेष भर्ती के तहत भरने के लिए नोटिफाई किए गए थे। इन पदों के लिए विभिन्न विभागों में काम कर रहे ग्रुप बी और सी कर्मचारी आवेदन कर सकते थे। इसमें विभागाध्यक्ष के माध्यम से आवेदन किया गया था और विभागाध्यक्ष ने नामों की सिफारिश की थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि उनके नाम की सिफारिश नहीं की गई, क्योंकि सरकार ने आरक्षण नहीं रखा।
याचिकाकर्ता का कहना है कि वह खत्री जाति से संबंधित है और हरियाणा में यह जाति पिछड़ा वर्ग के तहत बीसी-ए के तौर पर अधिसूचित है। एचसीएस की सीधी भर्ती में बीसी-ए को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का नियम है, लेकिन स्पेशल भर्ती में यह प्रावधान नहीं रखा गया, लिहाजा सरकार को निर्देश दिया जाए कि विशेष भर्ती में आरक्षण रखे। उल्लेखनीय है कि इस विशेष भर्ती को पहले भी हाईकोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है। आरोप लगाया गया था कि जब सीधी भर्तियों के जरिए एचसीएस भर्ती किए जाते हैं तो विशेष भर्ती की जरूरत नहीं है। विशेष भर्ती के माध्यम से सरकार अपने चहेते अफसरों को एचसीएस के तौर पर फिट करना चाहती है। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर भर्ती पर रोक लगा रखी है। au
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