चंडीगढ़ : प्रधानाचार्य पद के लिए मुख्याध्यापकों का पदोन्नति कोटा कम करने से शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मास्टर वर्ग और पीजीटी की ओर से पदोन्नति कोटे को लेकर रोजाना नए तथ्य सामने लाए जा रहे हैं। शिक्षकों ने पदोन्नति कोटे में हेडमास्टर के फीडर कैडर की अनदेखी का मुद्दा उठाते हुए शिक्षा विभाग को एक बार फिर कठघरे में खड़ा किया है। मास्टर वर्ग ने मुख्याध्यापकों का पदोन्नति कोटा 33 से कम कर 20 प्रतिशत किए जाने को हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए गलत ठहराया है।
हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन उच्च न्यायालय के आदेश संख्या 10114/2006 को आधार बनाते हुए शिक्षा विभाग पर निशाना साधने से भी नहीं चूकी है। एसोसिएशन के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश में स्पष्ट है कि पदोन्नति कोटा तय करते समय हेडमास्टर के फीडर कैडर की संख्या की अनदेखी नही की जा सकती। कोटा तय करते समय सभी पक्षों की सुनवाई की जानी चाहिए। ऐसे मे केवल हेडमास्टर व पीजीटी की संख्या को आधार मानकर पदोन्नति कोटा तय करना 60,000 शिक्षकों के खिलाफ है।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश मलिक का कहना है कि शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश को भी दरकिनार किया है। dj
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