जरा सोचिए उस समय स्नातक स्नातकोत्तर की डिग्री करने वाले छात्र-छात्राओं पर क्या बीतेगी? जब उन्हें वे री-अपीयर के लिए चाहकर भी अप्लाई कर पाए, या फिर अप्लाई भी करें और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के साफ्टवेयर की कमी से फीस जमा कर सकें और अंत में परीक्षा में बैठने के लिए उनके एडमिट कार्ड भी जारी हो।
ऐसा इस बार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से स्नातक स्नातकोत्तर करने वाले सैकड़ों छात्र-छात्राओं के साथ हो सकता है? महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की कंप्यूटर विंग में इन दिनों रोजाना 200 से 500 शिकायतें पहुंच रही है, लेकिन समाधान में देरी से सैकड़ों छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कुछ यूं परेशान हो रही है छात्राएं:
पीड़ितछात्रा प्रीति, ज्योति, सुमन, माया, गीता का कहना है कि वे जब नायसा विंग में गलतियां सुधारने के लिए शिकायत लेकर पहुंची तो उन्होंने कहा कि आप अपनी शिकायतों की मेल कर देना मेल से ठीक करेंगे, बाद में जब छात्राओं ने मेल किया तो मेल पर जवाब आया आप नायसा के दफ्तर में आए।
यही नहीं कई छात्राओं को वहां पर पहुंचने के बाद कहा गया कि अब आप अप्लाई कर सकते हैं, लेकिन जब वापस कॉलेज पहुंची और ऑन लाइन अप्लाई करने के लिए कहा गया तो अप्लाई नहीं हो रहा था। ऐसे सैकड़ों छात्र-छात्राएं लगाकर एमडीयू के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। जिस कारण विद्यार्थियों को कई प्रकार की समस्याओ से दो-चार होना पड़ रहा है।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से संबंधित रही दिक्कतें
दिक्कत नंबर 1
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से संबंधित सैंकड़ों छात्र-छात्राएं ऐसे हैं, जिनका री-अपीयर का ऑनलाइन फार्म अप्लाई नहीं हो रहा है, मैसेज मिलता है कि आप विश्वविद्यालय में आकर संपर्क करें लेकिन संपर्क की बाद भी समस्या हल नहीं हो रही है। अब अंतिम तिथि नजदीक होने के कारण उन्हें और अधिक डर सता रहा है। अगर वे अप्लाई नहीं कर पाए तो वे कैसे एग्जाम दे पाएं और उनका एक चांस समाप्त हो सकता है।
दिक्कत नंबर 2
केवल हरियाणा के एक्सेस बैंक से ही फीस जमा कराई जा सकती है, तहसील लेवल पर भी बैंक उपलब्ध नहीं है, छोटे बैंकों में कैशियर ऐसे फार्म जमा कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। दो दिन में फीस जमा करानी अनिवार्य है। सैंकड़ों ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जो दो दिन में फीस जमा नहीं कर पाए। ऐसे में अब उनकी फीस जमा नहीं हो रही है।
दिक्कत नंबर 3
सैंकड़ों छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जिनका ऑनलाइन अप्लाई के दौरान किसी कारण गलत डिटेल फीड हो गई, अब उनकी गलती को सुधारने के लिए विश्वविद्यालय ने कोई आप्शन नहीं दिया है। अगर एडिट का आप्शन होता तो छात्र-छात्राओं को कोई परेशानी नहीं होती।
"तीनों ही दिक्कतों को जल्द ठीक करने की कोशिशें की जा रही है। धीरे-धीरे ऑनलाइन साफ्टवेयर विधिवत होगा, साफ्टवेयर में आने वाली खामियों को दूर कराया जा रहा है, शिकायतों के निवारण की दिशा में भी कदम बढाएं जाएंगे।'' --जीपीसरोहा, निदेशककंप्यूटर सेल, मदवि, रोहतक।
"बेशक ऑनलाइन में दिक्कतें हैं, लेकिन फिर भी ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि कोई भी छात्र-छात्राएं फार्म अप्लाई करने से वंचित रह सकें, कंप्यूटर सेल संबंधी शिकायतों को जल्द दूर करने के निर्देश दिए हैं। फीस संबंधी दिक्कतों का भी रास्ता निकाला जाएगा।'' --बी.एससिंधु, मदवि,रोहतक। dbkhrkhoda
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