** सरकार पर दबाव बनाने के बावजूद पक्के होना मुश्किल
चंडीगढ़ : विधानसभा चुनाव से पहले पक्का होने की आस लगाए बैठे गेस्ट टीचर्स को एक और जोर का झटका लगा है। प्रदेश सरकार के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने भी अतिथि अध्यापकों को नियमित करने के लिए हाथ खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने गेस्ट टीचर्स को तीन वर्षीय नियमितीकरण नीति के तहत पक्का न कर पाने के पीछे कानूनी अड़चनों का हवाला दिया है।
चंडीगढ़ : विधानसभा चुनाव से पहले पक्का होने की आस लगाए बैठे गेस्ट टीचर्स को एक और जोर का झटका लगा है। प्रदेश सरकार के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने भी अतिथि अध्यापकों को नियमित करने के लिए हाथ खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने गेस्ट टीचर्स को तीन वर्षीय नियमितीकरण नीति के तहत पक्का न कर पाने के पीछे कानूनी अड़चनों का हवाला दिया है।
प्रदेश के गेस्ट टीचर्स सर्व कर्मचारी संघ के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री से सोमवार को वार्ता करने पहुंचे थे। संघ नेताओं ने मुख्यमंत्री से इसी कार्यकाल में आचार संहिता लगने से पहले गेस्ट टीचर्स का भी भला करने की गुहार लगाई। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने संघ के महासचिव सुभाष लांबा व वजीर सिंह को बताया कि कांग्रेस कार्यकाल में ही गेस्ट टीचर्स पर सबसे अधिक मेहरबानी हुई है। इनका वेतन समय-समय पर बढ़ाया गया है। जो गेस्ट टीचर्स तीन वर्षीय नियमितीकरण नीति की शर्तो को पूरा करते थे, उन्हें कॉलेज कैडर व आइटीआइ में पक्का कर दिया गया है। स्कूलों में कार्यरत गेस्ट टीचर्स इस नीति के तहत नहीं आते हैं।
उन्होंने संघ के नेताओं को आश्वासन दिया कि बावजूद इसके वह तीन वर्षीय नीति का अध्ययन कराएंगे। अगर गेस्ट टीचर्स इसके तहत आते होंगे तो प्रदेश के महा अधिवक्ता व कानूनी सलाहकार से राय के लेकर उन्हें पक्का करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। संघ नेताओं ने कहा कि अनुबंध पर स्कूलों में कार्यरत गेस्ट टीचर्स तीन वर्षीय नीति की सभी शर्तो को पूरा करते हैं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के गुमराह करने पर उन्हें पक्का नहीं किया जा रहा। dj
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