चंडीगढ़ : विधानसभा चुनाव को देखते हुए कर्मचारी भी दबाव की राजनीति कर रहे हैं। कैबिनेट बैठकों में हुए सभी निर्णयों की अधिसूचना आचार संहिता लगने से पहले जारी कराने के लिए दबाव की रणनीति अपनाए हुए हैं। इसके लिए वे रोजाना मुख्य सचिव व अन्य उच्च अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं।1दरअसल, चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद सभी निर्णय खटाई में पड़ जाएंगे। लिहाजा वे जल्द से जल्द अधिसूचना जारी कराना चाहते हैं। कर्मचारियों ने पंजाब के समान वेतनमान देने सहित 16 अगस्त को मानी गई मांगों की मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, मुख्यमंत्री के विशेष वरिष्ठ सचिव से बृहस्पतिवार व शुक्रवार को मुलाकात कर जल्द अधिसूचना जारी करने की मांग की है। सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा व उप महासचिव जीवन सिंह ने बताया कि अभी तक सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण निर्णयों के परिपत्र जारी नहीं किए हैं। अगर आचार संहिता लग गई तो इन निर्णयों का कर्मचारियों को लाभ नहीं मिल पाएगा। उन्होंने अनुबंध शिक्षकों को तीन वर्ष की नीति के तहत नियमित करने की भी मांग की है। सुभाष लांबा का कहना है कि अगर आचार संहिता लगने से पहले मांगों के अधिसूचना जारी नहीं हुई तो कर्मचारियों में सरकार के प्रति नाराजगी पैदा होगी।
इन निर्णयों की जारी होनी है अधिसूचना
- मेडिकल, यात्रा, धुलाई व वर्दी भत्ते की दरों में बढ़ोतरी
- पंजाब के समान वेतनमान देने
- वेतन विसंगतियां निपटाने के लिए अलग वेतन आयोग का गठन
- पेंशन लाभ 28 वर्ष की बजाय 20 वर्ष पर
- अनियमित व अनुबंध कर्मचारियों की मृत्यु पर 3 लाख रुपए की वित्तीय सहायता
- केंद्रीय प्रोजेक्ट में कार्यरत कर्मचारियों व पक्के होने से वंचित कर्मचारियों की वेतन वृद्धि
- अस्थायी पदों को स्थायी पदों में बदलना। dj 31814
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