सीबीएसई से पास नहीं हुए तो क्या हरियाणा शिक्षा बोर्ड से पास हो जाओगे। प्रदेश के कुछ स्कूलों ने इसी मंशा से दोनों ही बोर्डो से अपने छात्रों के आवेदन करवाकर शिक्षा के मंदिर को व्यवसाय बनाने का गोरखधंधा शुरू किया हुआ था। अब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने जांच की तो इसका खुलासा हो गया और इन स्कूलों के छात्रों के रोल नंबर रोक दिए गए।
सूत्र बताते हैं कि प्रदेश के 55 निजी स्कूलों ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन से कुछ समय पूर्व एनओसी(नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट) के लिए आवेदन किया था। इन स्कूल संचालकों की दलील थी कि वे अब सीबीएसई से संबद्धता लेना चाहते हैं। लेकिन इन स्कूल संचालकों ने अपने स्कूल के बच्चों से हरियाणा शिक्षा बोर्ड से भी परीक्षा के लिए आवेदन करवा दिया। इस पर बोर्ड प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए।
जांच में पाया गया कि 55 में से 6 निजी स्कूलों ने हरियाणा बोर्ड से एनओसी लेकर सीबीएसई से भी संबंद्धता ले ली है। शेष 49 में से कुछ ऐसे स्कूल हैं, जिन्होंने एनओसी तो ले ली पर अन्य बोर्ड से संबंद्धता नहीं ली और कुछेक पर जुर्माना लगाया हुआ है और जुर्माना राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया। बोर्ड प्रशासन ने इन तीनों कैटेगरी में से दोहरी संबंद्धता वाले स्कूलों के छात्रों के रोल नंबर रोक दिए हैं, जबकि शेष 49 स्कूलों के छात्रों के प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए हैं।
हाई कोर्ट ने दी दो स्कूलों को राहत
मंगलवार दोपहर बाद हाई कोर्ट ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन को निर्देश दिए कि दो स्कूलों से एक लाख रुपये सिक्योरिटी लेकर छात्रों को रोल नंबर जारी कर दिए जाएं। हाई कोर्ट ने दो स्कूलों को राहत दी है। लेकिन बोर्ड प्रशासन ने हाई कोर्ट के फैसले को आधार मानते हुए शेष सभी स्कूलों के भी प्रोविजनल रोल नंबर मंगलवार शाम को जारी करने के आदेश दे दिए। djbhwn
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