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Monday, 15 September 2014

मिड डे मील योजना बनी गले की फांस


यमुनानगर : मिड डे मील योजना अपनी लचर व्यवस्था के चलते मुख्याध्यापकों और अध्यापकों के गले की फांस बन गयी है। इस योजना के चलते मुख्याध्यापकों और अध्यापकों को आर्थिक व सामाजिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। यह शब्द हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ-7 संबंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय प्रधान प्रदीप सरीन व एलीमेंट्री मुख्याध्यापक एसोसिएशन के प्रांतीय प्रधान दलबीर सिंह मालिक ने स्थानीय बस स्टैंड  पार्क में  मुख्याध्यापकों और अध्यापकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही शिक्षा महानिदेशक से मिलकर उन्हें इस समस्या से अवकत करा इसका हल निकलवाया जाएगा। हरियाणा एलीमेंट्री मुख्याध्यापक एसोसिएशन के जिला प्रधान रूपचंद व जिला सचिव अशोक कुमार ने बैठक में कहा कि स्कूल में मिड डे मील बनाने की जिम्मेदारी सरकारी निर्देशों के अनुसार स्वयं सहायता ग्रुप को बारी बदल-बदल कर दी जाती है, लेकिन उनमें सहमति नहीं बन पाती, जिस कारण स्कूल में रोजाना नए-नए विवाद होते हैं। इस कारण मुख्याध्यापकों और अध्यापकों को मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ती है।
अध्यापक संघ के प्रांतीय प्रवक्ता रविन्द्र राणा व उपप्रधान साहिब सिंह चौहान व नरेंद्र राणा ने कहा कि मिड डे मील कर्मियों की नियमित भर्ती करके मुख्याध्यापकों और अध्यापकों को इस जिम्मेदारी से मुक्त किया जाये। जिला प्रशासन मिड डे मील सहायता ग्रुप की ड्यूटी बदलने की व्यवस्था के लिए कमेटी का गठन करे या फिर कुरुक्षेत्र की तरह से किसी एनजीओ को दी जाए।
अध्यापक संघ के जिला प्रधान गुरमीत सिंह और जिला सचिव हरपाल बैंस ने कहा है कि मिड  डे मील की गुणवत्ता और अनाज की सफाई का उत्तरदायी स्वयं सहायता ग्रुप को  ही  बनाया जाए।                                dt

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