भिवानी : भिवानी जिले में हरियाणा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश पर हुई छुट्टी को रद्द कर बच्चों से रुबरु होने का कार्यक्रम ऐजुसेट व डीटीएच सिस्टम खराब होने के चलते फेल हो गया। छुट्टी रद्द होने पर स्कूल आये ज्यादातर बच्चों को गणतंत्र दिवस की तैयारी कर समय बिताना पड़ा। भिवानी की जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूल मुखियाओं को 12 जनवरी को पत्र जारी कर 14 जनवरी की मकर संक्रांति के उपलक्ष में छुट्टी करने के आदेश दिए थे लेकिन शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने जिला शिक्षा अधिकारी को छुट्टी रद्द करने के आदेश दिए तथा कहा था कि वे 14 जनवरी को 1 बजे से दो बजे तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बच्चों व शिक्षकों से बातचीत करेंगे। सभी स्कूलों में 13 जनवरी को पत्र व इमेल के माध्यम से छुट्टी रद्द करने की सूचना दी गई। इसके पीछे कारण प्रधान सचिव द्वारा बच्चों व अध्यापकों से 14 जनवरी को एक बजे एजुसेट व डीटीएच सिस्टम से रुबरु होना बताया गया। यह कार्यक्रम पहले 15 जनवरी को होना था, लेकिन 15 जनवरी को बेटी बचाओ, बेटी पढाओ कार्यक्रम होने के चलते इसे 14 जनवरी को करना तय किया गया।
फेरबदल व छुट्टी रद्द करने के बाद भी ये कार्यक्रम फेल रहा। जिलेभर के स्कूलों में पूरे प्रदेश की तरह ही एजुसेट व डीटीएच सिस्टम सालों से खराब पड़े हैं। जब स्कूलों में प्रधान सचिव के कार्यक्रम को लेकर जानना चाहा तो बच्चे प्रधान सचिव से मुखातिब होने की बजाय गणतंत्र दिवस की तैयारियों में व्यस्त दिखे। अध्यापकों का कहना था कि जिले में ही नहीं, पूरे प्रदेश में ये सिस्टम खराब पङे हैं। हालांकि उच्च अधिकारियों के डर से अध्यापक कहने लगे कि सिस्टम को ठीक कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज नहीं तो आगे कभी बच्चों को इन सिस्टम के माध्यम से प्रधान सचिव से रुबरु कराया जाएगा।
वहीं बच्चों ने भी छुट्टी रद्द होने व प्रधान सचिव से रुबरु न होने का अफसोस जताया। यह पहली बार नहीं बल्कि प्रधानमंत्री भी एजुसेट व डीटीएट के माध्यम से 14 अक्तूबर को बाल दिवस पर बच्चों से रुबरु हुये पर खराब सिस्टम के चलते तब भी बच्चों को टीवी या रेडियो से ही संतोष करना पड़ा था।
विभाग व अधिकारियों को चाहिए कि किसी भी कार्यक्रम से पहले अपने सिस्टम को ठीक करें ताकि बच्चों को इसका फायदा मिल सके।
क्या कहते हैं अध्यापक नेता
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के जिला प्रधान रमेश मल्हान का कहना था कि अधिकांश स्कूलों मेें एजुसेट सिस्टम काम ही नहीं कर रहे हैं। ऐसे में प्रधान सचिव के सम्बोधन का फरमान अव्यावहारिक था। dt
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