चंडीगढ़ : मनोहर सरकार में सरकारी कर्मचारी प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) के मजे नहीं लूट पाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के बाद अब शिक्षा विभाग में डेपुटेशन पर चल रहे शिक्षकों और मिनिस्टियल स्टाफ पर सरकार का डंडा चला है। शिक्षा विभाग ने नौवीं से बारहवीं तक के सभी शिक्षकों और हाई एवं सेकेंडरी स्कूलों के लिपिक वर्गीय स्टाफ का डेपुटेशन निरस्त कर दिया गया है। सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक एमएल कौशिक ने दो जनवरी को आदेश जारी कर प्रतिनियुक्ति पर बैठे स्टाफ को तत्काल प्रभाव से पोस्टिंग के मूल स्थान पर ज्वाइन करने के आदेश दिए हैं।
सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और निदेशालय के ब्रांच अधीक्षकों से तीन दिन में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई है। भविष्य में प्रतिनियुक्ति का कोई भी केस निदेशालय को न भेजने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में लगभग आठ सौ से हजार शिक्षक एवं लिपिक वर्गीय कर्मचारी शिक्षा निदेशालय व जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर ड्यूटी बजा रहे हैं। इन्होंने अपनी सुविधा के अनुसार पूर्व हुड्डा सरकार के समय डेपुटेशन लिया हुआ है। पूर्व सरकार के समय उन्हीं को प्रतिनियुक्ति मिली है, जो अच्छा-खासा राजनीतिक प्रभाव रखते थे।
हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में पहले से ही स्टाफ का टोटा चल रहा है। सेकेंडरी शिक्षा विभाग ने भारी संख्या में स्टाफ के प्रतिनियुक्ति पर होने के कारण व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए सभी का डेपुटेशन रद करने का निर्णय लिया है। dj
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