चंडीगढ़ : सीटीइटी एचटीइटी-2013 वाले केस में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए विस्तृत आदेश जारी करने के लिए मामले की सुनवाई 29 अप्रैल तक स्थगित कर दी।
बहस के दौरान चयनित टीचरों के वकील ने याचिकाकर्ता पर सवाल उठाया कि उनको याचिका दायर करने का हक नहीं है क्योंकि जब जेबीटी टीचर के लिए विज्ञापन निकाला गया तो वो तय योग्यता को पूरा नहीं करते थे। वकील ने कोर्ट से आग्रह किया कि इस भर्ती का रिजल्ट घोषित हो चुका है और वेटिंग लिस्ट तक बन चुकी है। बेंच ने भी संकेत दिया कि जिन उम्मीदवारों चयन हो चुका है उनको इस मामले से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा और न ही वेटिंग लिस्ट प्रभावित होगी। सरकार भी इस मामले में बेंच को बता चुकी है कि वह एचटीइटी 2013 पास उम्मीदवारों को भर्ती में भाग लेने देने पर विचार कर रही है।
सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस एसके मित्तल पर आधारित बेंच ने केस को तीन भाग में वगीकृत किया। पहला 2012 सीटीईटी को मौका दिया जाए या नहीं, दूसरा दिसंबर 12 में जब आवेदन निकाला गया उस समय किसके पास क्या योग्यता थी और तीसरा एचटीइटी -2013 को भर्ती में मौका दिया जाए या नहीं। हाईकोर्ट ने पूर्ण आदेश देने के लिए फैसला सुरक्षित करते हुए सुनवाई 29 अप्रैल तक स्थगित कर दी। हरियाणा सरकार ने करीब 2012 में लगभग 9500 के करीब जेबीटी शिक्षकों के लिए आवेदन मांगे थे। आवेदन की अंतिम तिथि 8 दिसंबर 2012 थी। उस वर्ष सरकार ने एचटेट आयोजित नहीं कराया था। वर्ष 2012 में जेबीटी पास कर चुके, लेकिन टेस्ट के अभाव में आवेदन से वंचित रह गए कई उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस भर्ती में आवेदन की छूट मांगी थी। इनमें से कई ने वर्ष 2013 में सरकार की ओर से कराए गए एचटेट पास कर लिया था। उन्होंने हाईकोर्ट से मांग की थी कि उन्हें वर्ष 2012 की भर्ती में आवेदन का मौका दिया जाए, अन्यथा भर्ती रद की जाए, क्योंकि वर्ष 2012 में सरकार ने एचटेट आयोजित नहीं कराया, जबकि हर वर्ष एचटेट कराना जरूरी है। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.